Black Turmeric Benefits: पीली हल्दी के गुणों और फ़ायदों के बारे में तो आप जानते ही होंगे, पर क्या आपने कभी ‘काली हल्दी (Black Turmeric)’ के बारे में सुना है? काली हल्दी भी सेहत के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है. हालांकि, पीली हल्दी की तरह प्रसिद्ध न होने के वजह से काली हल्दी के फ़ायदे और गुणों के बारे में जानकारी काफ़ी कम लोगों तक ही सीमित है.

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तो चलिए बिना देर किए इस आर्टिकल में आज हम आपको काली हल्दी और उसके फ़ायदों (Black Turmeric Benefits) के बारे में बता देते हैं:

तो आइये, अब बढ़ते है आज के मुख्य विषय (Black Turmeric Benefits) की ओर – 

क्या है काली हल्दी – What Is Black Turmeric In Hindi

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काली हल्दी, पीली हल्दी से काफ़ी अलग होती है, लेकिन अपने औषधीय गुणों के मामले में ये पीली हल्दी से कम नहीं है. अगर काली हल्दी की क़ीमत की बात करें तो काली हल्दी, पीली हल्दी से महंगी होती है. पीली हल्दी की तरह ही हम घर में काली हल्दी का पौधा भी उगा सकते हैं. आपको बता दें, कि काली हल्दी के पौधे में गुलाबी रंग के फूल खिलते हैं, जिस वजह से इसका रंग अंदर से बैंगनी होता है. भारत सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के बाज़ारों में काली हल्दी की काफ़ी मांग है.

काली हल्दी में मौजूद पोषक तत्व – Nutrients In Black Turmeric In Hindi

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काली हल्दी के पौधे में करक्यूमिन (Curcumin) की मात्रा सबसे अधिक होती है. काली हल्दी में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स, एंटी-फ़ंगल, एंटी-इंफ़्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोब्स पाए जाते हैं. इसके अलावा, इसमें कई प्रकार के आवश्यक मिनरल्स, विटामिन्स और अन्य पोषक तत्व मौजूद (Available Nutrients In Black Turmeric In Hindi) होते हैं, जो इसे एक चमत्कारिक औषधि बनाते हैं.


तो आइये, अब सीधा नज़र डालते है काली हल्दी के फ़ायदों (Black Turmeric Benefits In Hindi) पर:

काली हल्दी के फ़ायदे – Benefits Of Black Turmeric In Hindi

हेल्थ बेनेफ़िट्स टाइम्स के अनुसार, काली हल्दी के ये फ़ायदे हैं:  

1. वज़न कम करती है (Weight Loss)

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काली हल्दी हमारे शरीर में मौजूद डायटरी फ़ैट को कम करने में मदद करती है. इससे हमारी पाचन शक्ति बेहतर होती है. अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं, तो प्रतिदिन सीमित मात्रा में काली हल्दी का सेवन करें. इसके अलावा, काली हल्दी शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस के बढ़ने के जोखिम को भी कम कर सकती है.

2. कैंसर के ख़तरे को कम करने में सहायक है (Lowers Risk Of Cancer)

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काली हल्दी में मौजूद करक्यूमिन, कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं. अब वैज्ञानिक रूप से ये सिद्ध हो चुका है कि, करक्यूमिन शरीर के अंगों में पूर्व-कैंसर संबंधी परिवर्तनों को संशोधित (Modify Pre Cancerous Changes) करती है.

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3. सूजन घटाने में असरदार (Effective In Reducing Swelling)

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शरीर पर हुई सूजन को कम करने के लिए भी काली हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो कि मालक्यूल को ब्लॉक कर सूजन घटाने में मदद करते हैं. 

4. ल्यूकोडर्मा के लिए है फ़ायदेमंद (Beneficial In Leucoderma)

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ल्यूकोडर्मा ये एक चर्म रोग (Skin Diseases) है, जो होने से मरीज़ के त्वचा पर सफ़ेद धब्बे होने लगते हैं. ये रोग होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि त्वचा किसी हानिकारक केमिकल्स के संपर्क में आने से, आनुवंशिकी या फिर इम्यून सिस्टम में असंतुलन होने से हो सकता है. ल्यूकोडर्मा के इलाज के रूप में काली हल्दी का लेप प्रभावित त्वचा पर लगाने से किया जा सकता है. काली हल्दी में स्टेरॉयड्स होता है, जो ल्यूकोडर्मा के इलाज में काफ़ी ज़रूरी होता है. काली हल्दी चर्म रोगों से छुटकारा दिलाने में काफ़ी लाभदायक मानी जाती है.

5. ऑस्टियोआर्थराइटिस से बचाव करती है (Defend Osteoarthritis)

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ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) से पीड़ित व्यक्ति को जोड़ों में दर्द और अकड़न होती है. ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण जोड़ों के बीच मौजूद आर्टिकुलर कार्टिलेज को नुकसान होने लगता है. काली हल्दी में इबुप्रोफ़ेन पाया जाता है, जो पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के दर्द को ठीक करने में मददगार साबित हो सकती है.

6. कोलाइटिस का इलाज (Cure Colitis)

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कोलाइटिस के इलाज के लिए काली हल्दी के अर्क का सेवन करना लाभदायक माना जाता है. खाने के बाद दिन में दो बार सीमित मात्रा में काली हल्दी लेने से कोलाइटिस से राहत और पाचनतंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलती है.

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7. खांसी में फ़ायदेमंद (Beneficial In Cough)

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खांसी-ज़ुकाम में जैसे पीली हल्दी लाभकारी साबित होती है, वैसे ही काली हल्दी के सेवन से भी सर्दी-खांसी में फ़ायदा मिलता है. काली हल्दी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स खांसी ठीक करने में मदद करते हैं. खांसी-ज़ुकाम के अलावा काली हल्दी के उपयोग से बुखार भी ठीक हो सकता है.

8. रोग निरोधक (Disease Repellent)

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काली हल्दी एक बेहतरीन रोग निरोधक कुदरती औषधि है. सदियों से इसका इस्तेमाल कई प्रकार के रोगों से लड़ने में किया जाता आ रहा है. काली हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स, एंटी-फ़ंगल, एंटी-इंफ़्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोब्स आदि पाए जाते हैं. काली हल्दी के केमिकल कंपाउंड जैसे कि फ़्लेवेनॉइड्स स्टीरॉइड और अल्कानॉइड्स, अस्थमा, अर्थराइटिस, मिर्गी, आदि जैसी बीमारियों में काफ़ी फ़ायदेमंद हो सकते हैं.  

9. घाव या चोट को भरने में मददगार (Helps To Heal Wounds Or Bruises)

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जिस तरह पीली हल्दी चोट या घाव को भर सकती है, उसी तरह काली हल्दी में भी हमारे शरीर को हुए घाव या चोट भरने की क्षमता होती है. काली हल्दी में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट मौजूद होते है, जो घाव को भरने में मदद करते हैं. शरीर पर किसी भी तरह का घाव, चोट, मोच और रगड़ लग जाए तो काली हल्दी के जड़ों को कूटकर उसका लेप बना लें और प्रभावित त्वचा (Affected Skin) पर हल्के हाथों से लगाएं. इस लेप से चोट या घाव ठीक हो सकते हैं.  

10. खुजली दूर करने में मददगार – Helpful In Relieving Itching In Hindi 

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खुजली की समस्या से निजात पाने के लिए काली हल्दी का प्रयोग करना एक अच्छा घरेलू विकल्प साबित हो सकता है, लेकिन इसे मुंह पर लगाने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी है. काली हल्दी में इंफ़्लेमेटरी गुण होने की वजह से काली हल्दी का लेप खुजली वाले त्वचा पर लगा सकते हैं.  

आख़िर में हम आपको बस यही सलाह देंगे कि हेल्थ एक्पर्ट्स या डॉक्टर की सलाह लेकर ही काली हल्दी (Black Turmeric Benefits) का सेवन करें.

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