Fungal Infection List: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहली बार कुछ ऐसे संक्रमणों की सूची जारी की है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए लगातार बड़ा ख़तरा बनते जा रहे हैं. इन फ़ंगल इंफ़ेक्शनों के बारे में वैश्विक संस्था ने चेतावनी दी है कि इन पर दवाओं का असर लगातार कम हो रहा है और ये पहले से ज़्यादा हिस्सों में फैल रहे हैं.
यूएन ने ऐसी ही सूची वायरस और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों के लिए भी जारी की थी. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि, फंगल इंफ़ेक्शन बेहद ख़तरनाक होते जा रहे हैं क्योंकि उन पर इलाज का असर कम हो रहा है. संस्था ने कहा कि इन बीमारियों पर ध्यान कम है, इसलिए इनके बारे में जानकारी भी कम है. फंगल इंफ़ेक्शन को लेकर निगरानी, इलाज और निदान की भी कमी पर चिंता जाहिर की गई है.
Fungal Infection List
ये भी पढ़ें: मानसून में फ़ंगल इंफ़ेक्शन से बचना है तो ये 5 टिप्स अपना लो और मौसम का मज़ा लो
संगठन ने कहा है कि, आंकड़ों की कमी के कारण इस बात का अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल है कि ख़तरा कितना बड़ा हो चुका है. संस्था ने कहा कि सरकारों और शोधकर्ताओं को सूची में शामिल 19 संक्रमणों के ख़िलाफ़ लड़ाई में और ज़्यादा कोशिश करने की ज़रूरत है.
रसायनों का इस्तेमाल
एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस के लिए ज़िम्मेदार WHO के उप महासचिव डॉ. हनान बाल्की (Dr. Hanan Balkhy) ने कहा,
बैक्टीरियल एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस की महामारी की छाया में फंगल इंफ़ेक्शन बढ़ रहे हैं और इलाज के प्रति पहले से कहीं ज़्यादा प्रतिरोधि हो चुके हैं, जो कि दुनियाभर में स्वास्थ्य की एक बढ़ती चिंता बन रही है.
फंगल इंफ़ेक्शन अक्सर लोगों पर तब हमला करते हैं जब वे पहले से ही बहुत ज़्यादा बीमार हों. जैसे कि कैंसर या टीबी के मरीजों को ऐसे संक्रमण होने का ख़तरा ज़्यादा होता है. कोविड-19 महामारी के दौरान अस्पताल में भर्ती हुए मरीज़ों के बीच फंगल इंफ़ेक्शन की दर बहुत तेजी से बढ़ी थी.
फंगल इंफ़ेक्शन के लिए चार तरह के ही इलाज उपलब्ध हैं और नए इलाज के विकास पर भी बहुत कम काम हो रहा है. जलवायु परिवर्तन के कारण भी पैथोजन के फैलने के मामले और दायरा बढ़ रहा है. WHO का कहना है कि, दवाओं के प्रति इसकी बढ़ती प्रतिरोधकता की एक वजह कृषि में एंटीफंगल रसायनों का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल भी है.
ये भी पढ़ें: ज़रा सोचिए क्या हो अगर आपने फ़ंगस खा लिया? यहां जानिए पूरी जानकारी
तीन श्रेणियां
WHO ने जो सूची जारी की है, उसमें संक्रमणों की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं. इस बंटवारे का आधार उनका संभावित प्रभाव और दवाओं के प्रति उनकी प्रतिरोधकता का ख़तरा है. इसके आधार पर उन्हें अत्यधिक, उच्च और मध्यम प्राथमिकताओं में बांटा गया है.
अत्यधिक प्राथमिकता की श्रेणी में कैंडिडा ऑरिस जैसे पैथोजन शामिल हैं, जिनकी इलाज के प्रति रोधकता बहुत ज़्यादा है और जिनके कारण दुनियाभर के कई अस्पतालों में संक्रमण फैल चुके हैं. इनमें क्रिप्टोकॉकस, एस्पैरजिलस फ़ूमिगेट्स और कैंडिडा एल्बिकैन्स भी शामिल हैं.
दूसरी श्रेणी में कैंडिडा परिवार के कई फंगस के अलावा म्युकोरालेस भी शामिल है, जिसके कारण म्युकोरमाइसिस या ब्लैक फंगस नामक संक्रमण होता है. कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आए थे और बड़ी संख्या में लोगों की जान गई थी.