Three types of people who should avoid coffee: सुबह की शुरुआत एक मस्त गर्मागर्म कॉफ़ी के साथ हो जाए तो मौज ही आ जाती है. शाम को दोस्तों संग फ़ुर्सत भरी कॉफ़ी के तो कहने ही क्या… एक आरामदायक घूंट और ज़िंदगी फ़ुल आनंद में फ़ील होती है. वैसे तो कॉफ़ी पीने के फ़ायदे भी हैं, मगर सबके लिए ये फ़ायदेमंद ही साबित हो, ऐसा ज़रूरी नहीं है.
एक्सपर्ट्स की मानें तो 3 टाइप के लोगों को कॉफ़ी नहीं पीनी चाहिए. क्योंकि, इन लोगों को कॉफ़ी से फ़ायदा नहींं, बल्क़ि नुक़सान हो सकता है.
Three types of people who should avoid coffee
1. वो लोग जिनका मेटाबॉलिज़्म धीमा है.
2. वो लोग जिन्हें एंग्ज़ायटी डिसऑर्डर है.
3. वो महिलाएं जो प्रेग्नेंट हैं.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जिन लोगों का मेटाबॉलिज़्म धीमा है, उन्हें कॉफ़ी पीने से नींद की दिक्कत हो सकती है. धीमे मेटाबोलाइज़र वे लोग होते हैं जो कैफ़ीन को प्रभावी ढंग से प्रोसेस नहीं करते हैं. उन पर निगेटिव इम्पैक्ट पड़ता है. मसलन, घबराहट होना, पीने के बाद क़रीब नौ घंटे तक बहुत अधिक एलर्ट या परेशान रहना.
दूसरी ओर तेज़ मेटाबोलाइज़र ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं चाहे वो अच्छा हो या आपके लिए बुरा. ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे मेटाबोलाइज़ करते हैं.
वहीं, एंग्जायटी डिसऑर्डर में कॉफी का सेवन स्थिति को और खराब कर सकता है. ये और बेचैनी पैदा कर सकता है. साथ ही, पैनिक अटैक का खतरा बढ़ा सकता है. इसके अलावा ये चिंता के स्तर को भी बढ़ा सकता है. इसलिए अगर आपको ज़्यादा एंग्ज़ायटी होती है तो कॉफी पीने से बचें.
इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को कॉफी का सेवन भी सीमित करना चाहिए. एक्सपर्ट के मुताबिक, ज़्यादा कैफ़ीन भ्रूण में रक्त की आपूर्ति को कम करता है. गर्भावस्था के दौरान ज़्यादा कॉफ़ी पीना बीपी बढ़ा सकता है, गर्भपात का कारण बन सकता है और जन्म के समय कम वज़न वाले बच्चे का जोखिम बढ़ा सकता है.
हालांकि, एक्पर्ट्स कहते हैं कि दिन में 1 से 2 कप पीना लंबे समय में फायदेमंद हो सकता है.
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