Delhi Khan Market History: दिल्ली वालों की लिए ख़ान मार्केट का महत्व अलग ही लेवल का है. पूरी दिल्ली में इस मार्केट का जलवा है. दूर-दूर से लोग यहां शॉपिंंग करने और लज़ीज़ खानों का लुत्फ़ उठाने आते हैं. इसे दुनिया की सबसे महंगी मार्केट्स में शुमार किया जाता है. मगर कभी आपने सोचा है कि ख़ान मार्केट की शुरुआत कब हुई और इस मार्केट का में ख़ान कौन है? (Famous Things In Khan Market)

आइए जानते हैं दिल्ली की ख़ान मार्केट का इतिहास-

पाकिस्तानी रिफ़्यूज़ियों के लिए शुरू हुई मार्केट

ख़ान मार्केट 1951 में सेंट्रल दिल्ली में U आकार की भूमि पर बसाई गई थी. इस मार्केट का नाम स्‍वतंत्रता सेनानी, अब्‍दुल गफार ख़ान के भाई अब्‍दुल जब्‍बार ख़ान (Abdul Jabbar Khan) के नाम पर रखा गया. इस मार्केट का ये नाम बंटवारे के बाद भारत आकर बसे अप्रवासियों ने दिया था. बताते हैं कि भारत-पाक विभाजन के वक़्त जब सांप्रदायिक तनाव चरम था तो उस माहौल में अब्दुल जब्बार लाखों हिंदुओं को पाकिस्तान से सुरक्षित निकाल कर भारत लाए थे. ये अप्रवासी पाकिस्‍तान के नॉर्थ वेस्‍ट फ्रंटियर प्रांत से आकर बसे थे. (Khan Market Was Set Up To Rehabilitate Pakistani Refugee)

Delhi Khan Market History

1947 के विभाजन के बाद पाकिस्तान और अन्य क्षेत्रों के शरणार्थियों के लिए इसे डेवलेप किया गया. बाज़ार परिसर में दुकानदारों के लिए लगभग 154 दुकानें और पहली मंज़िल पर 74 फ़्लैट थे. जैसे-जैसे समय बीतता गया, रहने की जगह रेस्‍टोरेंट्स और दुकानों ने ले ली.

50 के दशक में पाकिस्‍तान से आए 74 परिवारों में से अब सिर्फ़ तीन ही परिवार ऐसे हैं. जो दुकानों के ऊपर बने फ्लैट्स में रहते हैं. यहां पर टेलर से लेकर डॉक्‍टर और जनरल स्‍टोर से लेकर खिलौने और स्‍टेशनरी तक की दुकाने हैं.

कभी 50 रुपये महीना था दुकान का किराया

उस समय 420 वर्ग फुट की दुकान का किराया मात्र 50 रुपये था. 1956 में बढ़ कर 6,516 रुपये हो गया. उस वक़्त 9,500 रुपये में फ़्लैट भी मिला था, जो तब के हिसाब से ज़्यादा रुपये थे. 1980 के दशक तक पहली मंज़िल आवासीय ही थी. हालांकि, धीरे-धीरे इसमें बदलाव आना शुरू हो गया. मालिकों ने आम तौर पर बड़े स्थानों पर जाने के लिए ख़ान मार्केट में फ्लैटों को किराए पर देना या बेचना शुरू कर दिया. (Khan Market Shop Rent)

आज यहां पर क़रीब 156 दुकानें हैं. दुकानों के लिए किराए के हर माह क़रीब 6 लाख रुपए तक अदा करने पड़ते हैं. आज के समय में ख़ान मार्केट वकीलों, राजनेताओं, टीचर्स और जर्नलिस्‍ट्स का पसंदीदा अड्डा है.

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