Forgotten Indians Who Created History: अगर भारत के पिछले 100 सालों के इतिहास को देखें तो देश में कई बड़ी महान हस्तियों ने जन्म लिया है. इनमें से कुछ हमें छोड़कर चले गए हैं तो कुछ को हम भूल से गये है. भारत को आज़ाद कराने में कई महान क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहूति दी थी. उस दौर में क्रांतिकारियों के अलावा भी कई ऐसे लोग थे जिन्होंने पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन किया था, लेकिन इन महान हस्तियों को हम आज पूरी तरह से भूल चुके हैं. कुछ को छोड़ दें तो बाकियों के तो हमें नाम भी सही से मालूम नहीं है.

ये भी पढ़िए: भारत के वो 7 प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक, जिनका निर्माण महिलाओं ने करवाया था

homemdigital

आज हम आपको भारतीय इतिहास की कुछ ऐसी ही महान हस्तियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने पूरी दुनिया में देश का नाम रौशन किया था. लेकिन समय के साथ हम उन्हें भूलते जा रहे हैं.

1- भारतीय शास्त्रीय संगीत की पहली ‘संगीत साम्राज्ञी’

भारतीय शास्त्रीय गायक केसरबाई केरकर (Kesarbai Kerkar) ने सन 1938 में ‘सुरश्री’ (संगीत की रानी) का ख़िताब जीता था. सबसे ख़ास बात केसरबाई के संगीत की गूंज अंतरिक्ष तक पहुंची थी, जब नासा की ‘Space Probe Voyager 1’ अपने साथ उनकी एक संगीत रचना को अपने साथ ले गई थी. एथनोम्युज़िकोलॉजिस्ट Robert E Brown ने केसरबाई के ‘राग भैरवी’ को भारतीय शास्त्रीय संगीत के बेहतरीन रिकॉर्ड किए गए उदाहरणों में से एक बताया था.

wikipedia

2- भारत के पहले IAS अधिकारी

सत्येंद्रनाथ टैगोर (Satyendranath Tagore) लेखक, कवि, साहित्यकार, संगीतकार और समाज सुधारक के तौर पर जाने जाते हैं. सन 1864 में उन्होंने ‘इंडियन सिविल सर्विस’ जॉइन की थी. सत्येंद्रनाथ टैगोर को भारत के पहले IAS अधिकारी (India First IAS Officer) के तौर पर भी जाना जाता है. वो विश्वविख्यात कवि रविंद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) के बड़े भाई थे. लेखक, कवि, साहित्यकार के अलावा उन्होंने महिलाओं के उत्थान में भी अपना काफ़ी योगदान दिया था.

news9live

Forgotten Indians Who Created History

3- दुनियाभर में ‘ह्यूमन कंप्यूटर’ के नाम से मशहूर

‘ह्यूमन कंप्यूटर’ के नाम से मशहूर शकुंतला देवी (Shakuntala Devi) बड़ी से बड़ी संख्या को गुणा करके मिनटों में उसका हल निकलने के अपने कौशल के लिए दुनियाभर में मशहूर थीं. गणितीय क्षमताओं के अलावा ये उनका दृढ़ निश्चय ही था जिसकी मदद से वो लोगों को आश्चर्यचकित करने में हमेशा सफल रहीं. सन 1977 में उन्होंने समलैंगिकता पर एक किताब लिखी थी, ये भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास था.

achhikhabar

4- भारत की पहली महिला चार्टर्ड एकाउंटेंट 

आर. शिवाभोगम (R. Sivabhogam) भारत की पहली महिला चार्टर्ड एकाउंटेंट के रूप में जाती हैं. महात्मा गांधी की विचारधाराओं से प्रभावित शिवाभोगम साधारण जीवन जीने में विश्वास करती थीं. इसलिए वो केवल खादी पहनती और बस से यात्रा करती थीं. शिवाभोगम ने ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ के दौरान विदेशी सामानों का बहिष्कार भी किया था. जब वो जेल में थीं, तब उन्होंने ग्रेजुएट डिप्लोमा इन अकाउंटेंसी (जीडीए) की परीक्षा दी और बाद में भारत की पहली महिला ऑडिटर बनीं. 

thebetterindia

5- क्‍वॉन्‍टम फ़िजिक्‍स की खोज करने वाले

सत्‍येंद्र नाथ बोस (Satyendra Nath Bose) को सन 1920 के दशक में क्‍वॉन्‍टम फिजिक्‍स (Quantum Physics) में किए गए उनके शोध के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. सत्‍येंद्र नाथ बोस भारत के एक ऐसे महान वैज्ञानिक थे जिनकी Quantum Theory के मुरीद मशहूर वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्‍टाइन भी हो गए थे. बावजूद इसके बोस की काबिलियत के अनुरूप भारत में उन्हें वो सम्मान नहीं मिला जिसके वो हक़दार थे. यहां तक कि उनके लिखे शोध पत्रों को देश की किसी भी पत्रिका ने जगह तक नहीं दी.

outlookindia

Forgotten Indians Who Created History

6- महिलाओं को सशक्त बनाने वाली रानी  

त्रिवेंद्रम में कॉलेज जाने वाली लड़कियों को चाय के लिए महल में शामिल होने के लिए कहने से लेकर महिलाओं को उच्च सरकारी पदों पर मनोनीत करने तक रानी सेतु लक्ष्मी बाई महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए जानी जाती हैं. अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने राज्य की महिलाओं के लिए कई कार्य किए और उन्हें प्रोत्साहित भी किया. उन्होंने ही पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में महिलाओं को उच्च पदों तक पहुंचने के लिए एक मजबूत नींव रखी थी.

wikimedia

7- टाटा की विरासत को पूरी दुनिया में फ़ैलाना  

जमशेदपुर शहर का नाम रतन टाटा (Ratan Tata) के पूर्वज जमशेदजी नसरवानजी टाटा के नाम पर रखा गया था. जमशेदजी ने इस शहर को स्टील प्लांट के निर्माण के रूप में चुना था और सन 1919 में लॉर्ड चेम्सफ़ोर्ड द्वारा इसे ये नाम दिया गया था. आज रतन टाटा (Ratan Tata) ने अपने पूर्वजों की इस विरासत को केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में मशहूर बना दिया है.

pinterest

8- हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को मशहूर बनाने वाले

उस्ताद बड़े गुलाम अली ख़ान का जन्म 1902 में ब्रिटिश भारत के तत्कालीन पंजाब प्रांत के कसूर (अब पकिस्ताब) में हुआ था. बड़े गुलाम अली ख़ान ‘पटियाला घराने’ के भारतीय हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के मशहूर गायक थे. उन्होंने 5 साल की उम्र में अपने चाचा काले ख़ान से और बाद में अपने पिता से संगीत और गायन का प्रशिक्षण लिया था. बड़े गुलाम अली ख़ान के 3 छोटे भाई थे जिनका नाम बरकत अली ख़ान, मुबारक अली ख़ान और अमानत अली ख़ान था. 

jagranjosh

9- भारत की सबसे कम उम्र की महिला क्रांतिकारी

सुनीति चौधरी (Suniti Choudhury) को भारत की सबसे कम उम्र की महिला क्रांतिकारी के रूप में जाना जाता है. बंगाल के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी सुनीति अक्सर नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वतंत्रता संग्राम के अन्य नेताओं से प्रभावित थीं. इसलिए जब वो केवल 14 साल की थीं उन्होंने एक अत्याचारी भारतीय-ब्रिटिश मजिस्ट्रेट को गोली मारने का खतरनाक और जोखिम भरे काम को अंजाम दिया था. इसके लिए उन्हें 7 साल जेल की सजा हुई थी. जेल से रिहा होने के बाद सुनीति चौधरी ‘कलकत्ता मेडिकल कॉलेज’ चली गईं जहां से उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की.

sanatanprabhat

Forgotten Indians Who Created History

10- भारतीय संगीत के इतिहास के सबसे महान सिंगर

भारतीय संगीत को दुनियाभर में मशहूर करने का श्रेय इन तीनों महारथियों मोहम्मद रफ़ी, मन्ना डे और किशोर कुमार को ही जाता है. साल 1982 में रफ़ी, मन्ना डे और किशोर ने ‘चलती का नाम ज़िंदगी’ फ़िल्म के ‘बंद मुठी लाख की खुली तो प्यारे खाक की’ गाने की रिकॉर्डिंग साथ की थी. मोहम्मद रफ़ी को भारतीय संगीत में सबसे महान पार्श्व गायकों में से एक माना जाता है. इंटरनेशनल लेवल पर मशहूर मन्ना डे भारतीय पार्श्व गायक, संगीत निर्देशक और संगीतकार थे. जबकि किशोर कुमार भारतीय संगीत के इतिहास के सबसे महान सिंगर और एक्टर के तौर पर मशहूर हैं.  

mohdrafi

ये भी पढ़िए: भारतीय इतिहास की वो 20 दुर्लभ तस्वीरें, जिनमें क़ैद हैं दशकों पुराने कई यादगार लम्हे

भारतीय इतिहास के ये महान शख्शियतें आज भी हमारी यादों में ज़िंदा हैं.