Historical Gates in Aurangabad: महाराष्ट्र का औरंगाबाद शहर जिसका नाम बदलकर अब संभाजी नगर कर दिया है, भारत का एक प्राचीन शहर है जिसे बनाने का श्रेय अफ़्रीका के ग़ुलाम से योद्धा बने मलिक अबंर को जाता है. मलिक ने इस शहर को 1610 में बसाया और नाम रखा खिरकी या खिड़की. वहीं, मलिक अंबर की मृत्यु के बाद उसके बेटे फ़तेह ख़ान इस शहर का नाम अपने नाम पर रखा फ़तेहपुर. इसके बाद ये शहर मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के अधीन आया और इसका नाम रखा गया औरंगाबाद. 

 
वहीं, कहा जाता है कि मराठाओं से इस शहर की सुरक्षा के लिए मुग़लों ने इस शहर के चारो ओर दीवार का निर्माण करवाया था. जानकर हैरानी होगी इस दीवार में क़रीब छोटे-बड़े 52 गेट्स वक़्त के साथ बनवाए गए थे.
इन 52 में से 4 चारों दिशाओं में मुख्य प्रवेश द्वार बने. मक्का या मकाई गेट पश्चिम की ओर, उत्तर में दिल्ली गेट, पूर्व में जालना गेट और दक्षिण में पैठण गेट. आइये, औरंगाबाद के कुछ मुख्य दरवाज़ों के बारे में हम तस्वीर सहित आपको बताते हैं. 

आइये, अब विस्तार से जानते हैं  Historical Gates in Aurangabad.  

1. भदकल गेट: ये शहर का सबसे बड़ा गेट है, जिसे मलिक अंबर ने 1612 में मुग़लों के खिलाफ़ जीत की याद में बनवाया था. इसे विजय द्वार के नाम से भी जाना जाता है. 

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2. दिल्ली गेट:  ये भी एक बड़ा गेट (Historical Gates in Aurangabad) है, जिसे औरंगजेब ने बनवाया था. ये शहर के उत्तर में स्थित है. वहीं, ये दिल्ली के लाल क़िले के लाहौर गेट के समान लगता है. 

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3. पैठण गेट: इस दरवाज़े (Historical Gates in Aurangabad) का आकार थोड़ा छोटा है और ये शहर के दक्षिण दिशा में है. 

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4. मक्का या मकाई गेट: ये दरवाज़ा (Historical Gates in Aurangabad) शहर की पश्चिम दिशा में है. वहीं, ये शहर का एक मात्र ऐसा दरवाज़ा है, जिसमें तोप भी लगी हुई है. इसका मुंह पवित्र शहर मक्का की ओर है, इसलिए इसका नाम मक्का गेट रखा गया. 

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5. रोशन गेट: ये गेट जालना गेट के उत्तर में स्थित है. कहा जाता है कि रोशन गेट का नाम औरंगज़ेब की बहन रोशनारा के नाम पर रखा गया था, जिससे सम्राट बहुत जुड़ा हुआ था. रोशनारा उसकी दोस्त और सलाहकार भी रही. 

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6. रंगीन दरवाज़ा: ये भी औरंगाबाद का एक ऐतिहासिक दरवाज़ा (Historical Gates in Aurangabad) है, जिसे औरंगज़ेब के समय ही बनवाया गया था. ये गेट देखने में काफ़ी आकर्षक लगता है. 

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7. काला दरवाज़ा: ये गेट द्वार Qila-e-Ark क़िले की ओर जाता है. महल की अपनी किलेबंदी की दीवारें थीं और काला दरवाज़ा के अलावा अन्य पांच द्वार थे, जो खंडहर में तब्दिल हो चुके हैं. 

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औरंगाबाद में और भी ऐतिहासिक गेट हैं जिनके बारे में सटीक ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, इन्हें आप नाम सहित नीचे तस्वीरों के ज़रिये देख सकते हैं. 

8. बारापुला गेट

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9. महमूद गेट

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10. जफ़्फ़र गेट

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11. नौबत गेट

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इनके अलावा, भी औरंगाबाद में छोटे-बड़े गेट हैं, जिनमें बेगम दरवाज़ा, इस्लाम दरवाज़ा, ख़ूनी दरवाज़ा, मीर आदिल दरवाज़ा, छोटा भदकल दरवाज़ा आदि शामिल हैं. ये जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट में बताना न भूलें.