Sweatpant History: कपड़े पहनने के पीछे सबका अपना-अपना नज़रिया होता है कोई फ़ैशनेबल दिखने के लिए कपड़े पहनता है तो अपने कंफ़र्ट ज़ोन को ध्यान में रखकर कपड़े पहनता है. मगर आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कंफ़र्टेबल कपड़े लड़का हो या लड़की दोनों की पहली पसंद बन गए. ऐसे में दोनों ही ज़्यादातर स्वेटपैंट्स या लोवर पहनना पसंद करते हैं क्योंकि ये किसी भी टॉप या टीशर्ट के साथ मैच करते हैं. इसके अलावा, मॉर्निंग वॉक हो या इवनिंग वॉक दोनों ही समय में ही स्वेटपैंट्स बड़ी राहत देती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, स्वेटपैंट्स का इतिहास 100 साल पुराना है ये आज के ज़माने की नहीं, बल्कि कई साल पुरानी है.

Sweatpants History
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चलिए, स्वैटपैंट्स से जुड़े कुछ तथ्यों पर नज़र डालते हैं.

Sweatpants History

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स्वेटपैंट्स की शुरुआत सन् 1882 में Le Coq Sportif कंपनी ने की थी, जो स्पोर्ट से जुड़े उपकरण, फ़्रांसीसी कपड़े और जूते बनाती है. इसके बाद, फ़ाउंडर Émile Camuset ने सन् 1920 में एथलीटों के लिए भी स्वेटपैंट्स डिज़ाइन की. इनमें ज़्यादा कुछ नहीं किया गया ये साधारण सी बुनी हुई ग्रे जर्सी पैंट्स थीं.

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इसके बाद, सन् 1926 में अमेरिका के ड्रेस डिज़ाइनर कंपनी Russell Athletic ने कंफ़र्टेबल वुलेन स्वेटपैंट्स बनाई, जिसे काफ़ी पसंद किया गया, लेकिन 1950 का दौर स्वेटपैंट्स के लिए अच्छा नहीं था क्योंकि स्वेटपैंट को सम्मानजनक कपड़े की कैटेगरी से हटा दिया गया, जिससे इसके चलन में फ़र्क़ पड़ा. इसे जिम और यूनिवर्सिटी के लिए ही बेहतर माना जाने लगा.

फिर 1960 और 1970 के दशक में स्वेटपैंट्स को स्वीकार किया गया तब एथलीट्स ने इन्हें काफ़ी ज़ोर-शोर से पहनना शुरू किया. इसका कंफ़र्ट देखकर ये एथलीट्स की पहली पसंद बन गई. एथलीट्स के बाद 1980 के दशक में हिप-हॉप आर्टिस्ट और रैप आर्टिस्ट ने भी इसे पहनना शुरू किया.

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जैसे-जैसे टाइम बढ़ता गया वैसे-वैसे स्वैटपैंट्स में कई तरह के बदलाव आते गए. 21वीं शताब्दी आते-आते स्वेटपैंट्स को एथलीट्स ने काफ़ी पसंद किया. इसके साथ ही, मॉडर्न और Casualness दोनों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया जाने लगा. आज फ़िटनेस फ़्रीक, रैपर, एथलीट्स यहां तक कि ऑफ़िस जाने वाला और घर पर रहने वाले भी जमकर स्वैटपैंट्स पहनने लग गए हैं.

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आपको बता दें, स्वैटपैंट्स दो शब्द Sweat और Pant से मिलकर बना है, जिसमें Sweat का मतलब पसीना होता है और Pant का मतलब पतलून तो दोनों को मिलाकर बनता है ऐसी पैंट जो पसीना सोख सके. इसके अलावा, 21 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय स्वेटपैंट्स दिवस (International Sweatpants Day) मनाया जाता है.