Indian Freedom Fighters: जिस आज़ाद हिदुस्तान में आज हम सांस ले रहे हैं, उसे आज़ाद कराने वालों के नामों की एक लंबी सूची है और बतौर एक सजग नागरिक, हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उन तमाम लोगों के बारे में जानें, जिनकी वजह से आज हम यहां खड़े हैं. आज शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जैसे क्रांतिकारियों का नाम सुनते ही आंखों के सामने ऐसे योद्धाओं की तस्वीर नज़र आती है, जो देश की ख़ातिर कुछ भी कर गुज़रने को तैयार रहते थे. इनमें से कई तो ऐसे भी थे जो 12 से 15 साल की उम्र में अपना घर तक छोड़ चुके थे. भगत सिंह ने मात्र 23 साल की उम्र में वतन के लिए अपनी जान क़ुर्बान कर दी थी. लेकिन आज भी भगत सिंह के लिखे कई क्रांतिकारी विचार युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का काम करती हैं. 

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आज हम आपको देश के इन्हीं क्रांतिकारियों की शिक्षा (कितने पढ़े लिखे) के बारे में बताने जा रहे है, जिनके लिखे विचार आज हमें प्रेरित करने का काम कर रही हैं.

1- सुभाष चंद्र बोस (पोस्ट ग्रेजुएट)

सुभाष चंद्र बोस (Subhas Chandra Bose) का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था. सुभाष चंद्र बोस बचपन से ही मेधावी थे और स्कूल और विश्वविद्यालय में अपने अध्ययन के दौरान उन्होंने हमेशा टॉप रैंक हासिल की. सन 1918 में उन्होंने प्रथम श्रेणी के अंकों के साथ फ़िलॉसफ़ी में BA पूरा किया. इसके बाद सन 1920 में उन्होंने इंग्लैंड में ‘भारतीय सिविल सेवा’ परीक्षा उत्तीर्ण की. 

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2- शहीद भगत सिंह (कॉलेज ड्रॉपआउट)

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी नायक भगत सिंह (Bhagat Singh) का जन्म 27 सितंबर, 1907 को ब्रिटिश इंडिया के बंगा गांव (अब पाकिस्तान) में हुआ था. भगत सिंह ने लाहौर के ‘दयानंद एंग्लो वैदिक हाई स्कूल’ से पढ़ाई की थी. इसके बाद सन 1923 में वो लाहौर के ‘नेशनल कॉलेज’ में लॉ की पढ़ाई करने लगे. महात्मा गांधी के ‘असहयोग आंदोलन’ में शामिल होने के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा और पढ़ाई पूरी नहीं कर सके.

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3- चंद्र शेखर आज़ाद (कॉलेज ड्रॉपआउट)

चंद्र शेखर आज़ाद (Chandra Shekhar Azad) का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के अलीराजपुर ज़िले के भाभरा गांव में हुआ था. उनका असली नाम चंद्र शेखर तिवारी था. आज़ाद की मां चाहती थीं कि उनका बेटा एक महान संस्कृत विद्वान बने. इसलिए पिता ने उन्हें बनारस के ‘काशी विद्यापीठ’ पढ़ने के लिए भेज दिया. लेकिन 15 साल की उम्र में ‘असहयोग आंदोलन’ में भाग लेने की वजह चंद्रशेखर अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी नहीं कर सके. 

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4- लाला लाजपत राय (ग्रेजुएट)

लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) का जन्म 28 जनवरी, 1865 को पंजाब के धुडीके में हुआ था. सन 1870 के दशक उनके पिता रेवाड़ी के ‘उच्चतर माध्यमिक विद्यालय’ में उर्दू के शिक्षक थे. इसी स्कूल से लाला लाजपत राय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हासिल की थी. इसके बाद सन 1880 में लाजपत राय ने लॉ की पढ़ाई के लिए ‘लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज’ में दाखिला लिया था. लाला लाजपत राय ने लॉ की डिग्री हासिल की थी. 

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5- राम प्रसाद बिस्मिल (12वीं)

राम प्रसाद बिस्मिल (Ram Prasad Bismil) का जन्म 11 जून, 1897 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था. उन्होंने शाहजहांपुर के मिशन स्कूल और स्थानीय सरकारी स्कूल से स्कूली शिक्षा हासिल की थी. राम प्रसाद बिस्मिल 12वीं की पढ़ाई के बाद क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए. वो क्रांतिकारी के साथ-साथ कवि और राइटर भी थे.

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6- बाल गंगाधर तिलक (पोस्ट ग्रेजुएट)

बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) का जन्म 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था. तिलक ने राष्ट्रीय आंदोलन की मदद से भारत की स्वतंत्रता की नींव रखी थी. बाल गंगाधर तिलक ने सन 1876 में पुणे के ‘डेक्कन कॉलेज’ से गणित और संस्कृत में स्नातक की उपाधि हासिल की थी. इसके बाद सन 1879 में उन्होंने ‘बॉम्बे विश्वविद्यालय’ से लॉ डिग्री हासिल की थी. सन 1884 में उन्होंने ‘डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी’ की स्थापना की.

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7- शहीद उधम सिंह (10वीं)

क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह (Shaheed Uddham Singh) का जन्म 26 दिसंबर, 1899 को पंजाब के संगरूर ज़िले के सुनाम गांव में हुआ था. उनके पिता एक किसान थे और उपली गांव में रेलवे क्रॉसिंग चौकीदार के रूप में भी काम करते थे. माता-पिता की मृत्यु के बाद उधम सिंह और उनके बड़े भाई को अमृतसर के ‘सेंट्रल खालसा अनाथालय पुतलीघर’ ने पाला था. सन 1918 में उधम सिंह ने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 1919 में अनाथालय छोड़ स्वाधीनता आंदोलन में कूद पड़े. 

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8- अशफ़ाकउल्ला ख़ां (7वीं)

अशफ़ाकउल्ला ख़ां (Ashfaqulla Khan) का जन्म 22 अक्टूबर, 1900 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था. उनके पिता पुलिस विभाग में कार्यरत थे. सन 1918 में जब अशफ़ाकउल्ला ख़ां 7वीं कक्षा पढ़ रहे थे, पुलिस ने उनके स्कूल पर छापा मारा और मैनपुरी षड्यंत्र के संबंध में छात्र राजाराम भारतीय को गिरफ़्तार किया. इस दौरान एक मित्र के माध्यम से अशफ़ाकउल्ला मैनपुरी षडयंत्र में शामिल क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल से मिले और जल्द ही बिस्मिल के घनिष्ठ मित्र बन गए.

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9- रास बिहारी बोस (ग्रेजुएशन)

रास बिहारी बोस (Ram Bihari Bose) का जन्म 25 मई, 1886 को पश्चिम बंगाल के बर्दवान ज़िले के सुबलदाहा गांव में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सुबलदाहा में की और फिर पश्चिम बंगाल के चंदननगर स्थित ‘डुप्लेक्स कॉलेज’ से ग्रेजुएशन किया था. इसके बाद उन्होंने कई नौकरियां कीं और फिर देहरादून ‘वन अनुसंधान संस्थान’ में क्लर्क की नौकरी करने लगे. लेकिन, वो हमेशा से ही क्रांतिकारी विचारों और कट्टरपंथी आंदोलनों के प्रति आकर्षित थे.

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