23 सितंबर 1963. आसमान से अचानक तिहाड़ जेल के ऊपर सिगरेट और चॉकलेट की बारिश होने लगी. जब लोगों ने ऊपर देखा तो ये बरसात कोई बादल नहीं, बल्क़ि एक प्लेन कर रहा था. वो प्लेन जिस पर इंडिया का मोस्ट वांटेड स्मगलर डेनियल हैली वॉलकॉट जूनियर (India’s Most Wanted Smuggler Daniel Hailey Walcott Jr.) सवार था.

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आज हम आपको इसी रहस्यमयी स्मगलर की कहानी बताएंगे, जिसने न सिर्फ़ भारतीय पुलिस को दो बार चकमा दिया, बल्क़ि प्लेन उड़ाता हुआ देश से बाहर भी निकल गया.

कौन था Daniel Hailey Walcott Jr.?

डेनियल का जन्म अमेरिका के टेक्सास में साल 1927 में हुआ था. उसके पिता बिज़नेसमैन थे और कहने के लिए डेनियल भी व्यपार ही करता था. उसने ‘ट्रांस अटलांटिक एयरलाइंस’ नाम की कंपनी खोली थी, जिसका काम माल की ढुलाई करना था. इसके लिए उसके पास कई प्लेन थे. उसमें से एक प्लेन पाइपर अपाचे था, जिसका इस्तेमाल वो ख़ुद करता था.

मगर डेनियल बचपन से ही अजीब व्यवहार करता था. वो कभी अपने को एक जज का बेटा बताता तो कभी अपने पिता का नाम ऑलिवर वॉलकॉट बताता था, जिन्होंने यूएस की आज़ादी के घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. 2001 में Los Angeles Times में प्रकाशित लेख में जॉय मॉजिंगो ने डेनियल को एक रहस्यमयी व्यक्ति बताया था. बता दें, डेनियल अमेरिकन नेवी में भी नौकरी कर चुका था.

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जब भारत में मिला कॉन्ट्रैक्ट

साल 1962, एयर इंडिया ने एक टेंडर निकाला. काम था अफ़गानिस्तान तक रेलवे कार्गो की सप्लाई करना. डेनियल (Daniel Hailey Walcott Jr.) की कंपनी ‘ट्रांस अटलांटिक एयरलाइंस’ को ये कॉन्ट्रैक्ट मिल गया. उसके बाद तो डेनियल भारत में ही रहने लगा. वो दिल्ली के अशोका होटल में ठहरता था. यहां से वो अक्सर अपने प्लेन से अफ़गानिस्तान जाता था. चूंकि डेनियल एयर इंडिया से जुड़ चुका था तो उस पर किसी ने शक नहीं किया.

मगर 20 सितंबर 1962 को पुलिस के हाथ डेनियल की काली करतूतें लगीं. अशोका होटल पर छापे के दौरान उसके कमरे से 766 कारतूस मिले. इसके बाद पुलिस सफ़दरगंज एयरपोर्ट पहुंची तो वहां उसके प्लेन से भी कारतूस के 40 बॉक्स मिले और हर बॉक्स में 250 कारतूस थे. डेनियल को गिरफ़्तार कर कोर्ट में पेश किया गया और वहां से तिहाड़ भेज दिया गया. बाद में जब वो ज़मानत पर बाहर निकला तो उसने बाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान भागने का प्रयास किया, लेकिन पकड़ा गया. एक बार फिर उसे जेल में डाल दिया गया.

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भारत-चीन युद्ध का उठाया फ़ायदा

भारत-चीन युद्ध के वक़्त डेनियल ने एक प्रस्ताव रखा कि अगर उसे कुछ राहत दी जाए तो वो अपना प्लेन जंग में इस्तेमाल के लिए भारत सरकार को दे सकता है. जज ने उसकी सज़ा कम भी कर दी. साथ ही, ज़मानत पर उसे रिहा भी कर दिया. हालांकि, उसे देश से बाहर जाने की इजाज़त नहीं थी. क्योंकि, टाटा ग्रुप की लीगल टीम उसके पीछे पड़ी थी. वजह थी कि डेनियल ने कंपनी को 60 हज़ार रुपये का चूना लगाया था.

ख़ैर, डेनियल ज़मानत पर बाहर था और उसने एक साज़िश रची. उसने कोर्ट से इजाज़त ली कि वो सफ़दरजंग एयरपोर्ट पर जाकर रोज़ अपना प्लेन स्टार्ट करना चाहता है, ताकि वो ख़राब न हो. कुछ दिन तक वो रोज़ प्लेन स्टार्ट करता और कॉन्स्टेबल उसके साथ रहता. उसने ऐसा कर पहले भरोसा जीता, फिर 23 सितंबर को अचानक प्लेन रनवे पर दौड़ा दिया. जैसे ही प्लेन तिहाड़ जेल के ऊपर पहुंचा उसने सिगरेट-चॉकलेट समेत अन्य सामानों की बारिश कर दी. और फिर वहां से वो प्लेन से ही पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हो गया. भारतीय एयरफ़ोर्स के विमानों ने उसका पीछा भी किया, मगर देर होने के कारण उसे पकड़ न सके.

दोबारा लौटा भारत

डेनियल (Daniel Hailey Walcott Jr.) साल 1964 में भी भारत आया था. मगर उस वक़्त उसका नाम कैप्टन पीटर जॉन फिल्बी था. उसके साथ एक साथी कैप्टन मैकलिस्टर भी था. दोनों के पास बेशकीमती 675 स्विस घड़ियां थीं. दरअसल, दोनों की योजना भारत आने की नहीं थी, बल्कि वो तो पाकिस्तान से ईरान जाने वाले थे. लेकिन एक गड़बड़ी के चलते उनका प्लेन मुंबई से कुछ किमी की दूरी पर क्रैश हो गया. जब उन्हें पकड़ा गया तो उन्होंने बताया कि वो अमृतसर से रास्ता भटक गए थे. इसके बाद वो सबकी आंखों में धूल झोंककर वहां से निकल गए और फ़र्ज़ी पासपोर्ट बनवाकर ईरान और वहां से लंदन चले गए.

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ओवर कॉन्फ़िडेंस पड़ा भारी

डेनियल इसके बाद भी स्मगलिंग करता रहा. वो दो बार भारतीय अधिकारियों को धोखा देकर फ़रार हो चुका था. और अब वो ओवर कॉन्फ़िडेंस से भर गया था. 1966 में वो श्रीलंका से हीरे स्मगल का भारत पहुंचा. मगर इस बार बच नहीं सका. उसे गिरफ़्तार कर लिया गया और सात साल की सज़ा हुई. डेनियल ने मद्रास कोर्ट में सज़ा कम करने के लिए अपील की, मगर उसे राहत नहीं मिली.

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डेनियल जेल में बताता था कि वो CIA का एजेंट है और उन्हीं के लिए काम करता है. हालांकि, CIA ने इसे कभी स्वीकारा नहीं. बता दें, जेल से सज़ा पूरी करने के बाद भी वो ड्रग्स के कारोबार में लगा हुआ था. मगर साल 2000 में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.