Flag Hoisting In India After Independence: हर साल 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराकर आज़ादी का जश्न मनाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि पहली बार जब हमें आज़ादी मिली थी तब, देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने लाल क़िले पर झंडा फहराकर देश की आज़ादी का ऐलान किया था.
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परतंत्र होने से पहले लाल क़िले से ही मुग़ल काल में हिंदुस्तान से राज किया जाता था. इसलिए यहां झंडा फहराकर नेहरू जी ने देश-दुनिया को ये संदेश दिया था कि भारत की बागडोर अब उसके नागरिकों के हाथों में है. इस बार भी भारत के पीएम लाल क़िले पर झंडा फहराने की इस परंपरा को जारी रखेंगे.
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आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आज़ादी के बाद पहली बार तिरंगा लाल क़िले (Red Fort) पर नहीं बल्कि कहीं और फहराया गया था. इसलिए तथ्यात्मक रूप से ये कहना ग़लत है कि पहली बार राष्ट्रीय ध्वज लाल क़िले पर फहराया गया था आज़ादी के बाद.
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यहां हुआ था पहला ध्वजारोहण
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असल में जवाहर लाल नेहरू आज़ाद भारत में पहली बार तिरंगा लाल क़िले पर नहीं बल्कि इंडिया गेट के पास प्रिंसेस पार्क में फहराया था. दरअसल, हुया यूं कि 14 और 15 अगस्त के बीच की रात जब भारत आज़ाद हुआ तब संविधान सभा ने लुई माउंटबेटन को अंतरिम गवर्नर जनरल बनाने का निर्णय लिया गया.
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तब तक पूरे देश में आज़ादी की बात पता चल गई थी और हज़ारों की संख्या में लोग इंडिया गेट पर एकत्र होना शुरू हो गए थे. वो सभी पहली बार अंग़्रेजी झंडे की जगह अपने देश के ध्वज को लहराते देखने का गवाह बनना चाहते थे. इसलिए जब सभी लीडर्स विधानसभा भवन से बाहर निकले तो देखा भीड़ बहुत हो गई है. लाखों की संख्या में लोग प्रिंसेस पार्क के पास जमा हो गए थे, जहां ध्वजारोहण होना था.
इसलिए नहीं झुकाया गया ब्रिटिश झंडा
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कार्यक्रम ऐसा था कि पहले अंग़्रेजों के झंडे को उतारा जाएगा और फिर भारतीय ध्वज लहराएगा. अंग्रेज़ी झंडे को उतरते देख वहां मौजूद ब्रिटिश अधिकारियों को दुख हो सकता था. लेकिन नेहरू जी नहीं चाहते थे कि देश की आज़ादी वाले दिन किसी का दिल दुखे. इसलिए उनके झंडे के साथ ही अपना झंडा फहराया गया.
इस तारीख़ को फहराया गया था पहली बार लाल क़िले फर तिरंगा
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फिर राष्ट्रगान हुआ और 31 तोपों की सलामी दी गई. नेहरू जी अगले दिन यानी 16 अगस्त 1947 को ही लाल क़िले पर पहुंचकर तिरंगा फहराया. पहला स्वतंत्रता दिवस का भाषण भी यहीं से दिया और अपने आपको देश का ‘प्रथम सेवक’ कहा था. इस बात का ज़िक्र पामेला माउंटबेटन ने अपनी एक बुक में किया है.
वहीं भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद का भी मानना है कि पहली बार झंडा लाल क़िले पर 16 अगस्त को ही फहराया गया था. देश की आज़ादी से जुड़ी इतनी महत्वपूर्ण बात आप पहले जानते थे?