मुगल बादशाह शाहजहां (Shah Jahan) को राजसी क़िलों और इमारतों के प्रति उनके प्रेम के लिए जाना जाता है. शाहजहां ने अपने शासनकाल के दौरान देशभर में कई क़िले बनवाए थे. इनमें विश्व प्रसिद्ध ‘ताजमहल’ और ‘लाल क़िला’ प्रमुख हैं. आगरा में स्थित ‘ताजमहल’ को शाहजहां ने अपने प्यार की निशानी के तौर पर बनवाया था. लेकिन दिल्ली स्थित ‘लाल क़िले’ के निर्माण का आदेश शाहजहां ने तब दिया था जब 12 मई, 1638 को उन्होंने अपनी राजधानी को ‘आगरा’ से ‘दिल्ली’ स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था.

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ताजमहल (Tajmahal) का निर्माण किसने किया था इसका जवाब हर किसी को मालूम होगा, लेकिन इस ख़ूबसूरत नगीने को किसने डिज़ाइन किया था, इसका जवाब शायद ही किसी को मालूम हो! आज हम आपको इन दो अद्भुत इमारतों के वास्तुकार (Architect) के बारे में ही बताने जा रहे हैं.

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मुग़ल बादशाह शाहजहां (Shah Jahan) द्वारा निर्मित लाल क़िले के आर्किटेक्ट उस्ताद अहमद लाहौरी (Ustad Ahmad Lahori) थे, जिन्होंने ताज महल का निर्माण भी किया था. उस्ताद अहमद लाहौरी उस युग के सर्वश्रेष्ठ वास्तुकारों में से एक थे.

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कौन थे उस्ताद अहमद लाहौरी?

शाहजहां के शासनकाल (1580-1649) के दौरान उस्ताद अहमद लाहौरी मुख्य वास्तुकार हुआ करते थे. लाहौरी ने ‘ताजमहल’ और ‘लाल क़िले’ के निर्माण के अलावा दिल्ली की मशहूर ‘जामा मस्जिद’ को भी डिज़ाइन किया था. उस्ताद अहमद लाहौरी वास्तुकारों के परिवार से ताल्लुक रखते थे. शाहजहां ने उन्हें सम्राट ‘नादिर-उल-असर’ की उपाधि दी थी.

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इतिहासकारों के अनुसार, उस्ताद अहमद लाहौरी (Ustad Ahmad Lahori) ज्योमेट्री, अर्थमैटिक और एस्ट्रोनॉमी के जानकार थे. इसके अलावा वो यूक्लिड के एलिमेंट्स और टॉलेमी के अल्मागेस्ट से भी परिचित थे. शाहजहां ने उन्हें सन 1631 में ‘ताजमहल’ के निर्माण के लिए नियुक्त किया था. इस प्रतिष्ठित संरचना के निर्माण में लाहौरी को पूरे 12 साल लगे थे.

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इतिहासकारों के मुताबिक़, मुग़ल बादशाह शाहजहां उस दौर में उस्ताद अहमद लाहौरी को वेतन के तौर पर 1000 रुपये दिया करते थे. अगर इस रकम की तुलना आज के दौर से करें तो उस्ताद अहमद लाहौरी का वेतन कई CEO’s के वेतन से कहीं अधिक था.

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