हथियार इंसानों को हमेशा से आकर्षित करते रहे हैं. क्योंकि, इनकी मदद से वो ख़ुद को सुरक्षित भी कर पाए हैं और दूसरों पर हमला भी. आज हम भले ही बंदूक, बम जैसे विध्वसंकारी हथियारों का इस्तेमाल करते हों, मगर शुरुआत में सिर्फ़ तलवारें वगैरह ही इंसानों के मुख्य हथियार हुआ करते थे. इनकी मदद से प्राचीन लोग दुश्मन के साहस और शरीर दोनों की चीर-फाड़ कर देते थे.

आज हम सदियों पुरानी ऐसे ही तलवारों के बारे में आपको बताएंगे, जिनका एक वार दुश्मन का सिर धड़ से अलग करने के लिए काफ़ी था.

1. खोपेश

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माना जाता है कि ये तलवार युद्ध कुल्हाड़ियों या खेत के औजारों से विकसित हुई. प्राचीन मिस्र में इसका इस्तेमाल होता था. घुमावदार ब्लेड का केवल बाहरी किनारा नुकीला था. इस तलवार का आकार एक बकरी के पैर जैसा है इसलिए इसका नाम खोपेश रखा गया. ये हथियार अधिकार का प्रतीक था और कई फ़ैरो इसे अपने पास रखते थे. इनमें तूतनख़ामेन भी शामिल था.

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2. उल्फबेहर्ट तलवार

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ये तलवार जिनती मज़बूत थी, उतनी ही हलकी और लचीली भी थी. इसके ब्लेड को क्रूसिबल स्टील से बनाया गया था. आज के आधुनिक युग में भी ऐसी तलवार बना पाना मुश्किल है. लोग आज भी नहीं समझ पाते हैं कि वाइकिंग योद्धाओं ने इतनी उन्नत तलवार कैसे विकसित की. माना जाता है कि मध्य पूर्वी व्यापार के चलते उन्हें कुछ तकनीकी सहायता मिली होगी.

3. खांडा

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इस दोधारी तलवार का निर्माण सबसे पहले भारत में हुआ था. राजपूत इसका इस्तेमाल 600 ईसवी के आसपास करते थे. तलवार की नोंक कुंद थी, इसलिए इसे तिरछा चलाया जाता था. तलवार के किनारे दांतदार होते थे, जो दुश्मन के मांस को खींचकर फाड़ देते थे.

4. न्गोम्बे जल्लाद की तलवार

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19वीं और 20वीं सदी में, यूरोपीय खोजकर्ताओं ने कांगो के आदिवासी निवासियों के इस क्रूर दिखने वाले हथियार की तस्वीर बनाई थी. इस हथियार से कैदियों का सिर काटा जाता था.

5. फ़्लेमार्ड

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ये एक लहरदार ब्लेड था. इसे बनाने वालोंं का मानना था कि ये ब्लेड जब दुश्मन के शरीर में घुसेगा, तो जानलेवा घाव देगा. हालांकि, बाद में इसका डिज़ाइन इतना प्रभावी नहीं रहा.क्योंकि दुुश्मन की तलवार जब इस लहरदार ब्लेड पर पड़ती थी, तो इसके ब्लेड कुंद पड़ जाते थे.

6. चीनी हुक तलवार

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इसे दोहरी मुसीबत भी माना जाता था. ये घुमावदार हथियार जोड़ी में आती थी. हाथ की सुरक्षा के लिए गार्ड भी थे. कहते हैं कि ये तलवार दुश्मन को दो हिस्सों में अलग कर सकती थी.

7. किलिज

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पहली बार किलिज तलवार तुर्की में 400 ईसवी के आसपास इस्तेमाल हुई. घुड़सवारों में ये तलवार काफ़ी मशहूर थी. कृपाण की ये शैली अगले 1400 सालों में कई बदलाव से गुज़री. अगर किसी कुशल सवार के हाथ में ये तलवा हो, तो ये और भी घातक बन जाती थी.

8. एस्टोक

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इस फ़्रांसीसी तलवार में एक लंबी, दो-हाथ वाली पकड़ होती है. ये तलवार ख़ासतौर से कवच को भेदने के लिए बनाई गई थी. तलवार में धार ज़्यादा नहीं होती, मगर ये बेहद नुकीली होती है. 

9. ज़ेविहैंडर

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ज़ेविहैंडर का मतलब है दो हाथ. तलवार इतनी बड़ी थी कि चलाने वाले को अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल करना पड़ता था. कहते हैं कि ये तलवार इतनी शक्तिशाली थी कि एक बार सात लोगों का सिर धड़ से अलग कर सकती थी.

10. उरूमी

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ये एक बेहद अजीब हथियार था और इसके निशान मौर्य साम्राज्य में मिलते हैं. इसके ब्लेड बेहद तेज़ और लचीले होते थे. बेहद माहिर लोग ही इसका इस्तेमाल करते थे, क्योंकि इसको चलाने में ज़रा सी भी ग़लती की तो आप ख़ुद को ही चोट पहुंचा लेंगे.