Who Discovered First Case of HIV in India in Hindi: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, पिछले साल यानी 2021 में HIV से संबंधित कारणों से 650,000 लोगों की मृत्यु हुई थी और 1.5 मिलियन लोग इस घातक वायरस से संक्रमित हुए थे. वहीं, अनुमानित 38.4 मिलियन (2021 के अंत तक लिए गए आंकड़े) लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं. 

NCBI की मानें, तो एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंशी सिंड्रोम (AIDS) को पहली बार 1981 में एक नई बीमारी के रूप में पहचाना गया था. लेकिन, क्या आप जानते हैं भारत में कब और किसने ढूंढा था AIDS का पहला मामला? पूरी जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ें. 

लेख में आगे बढ़ें और जानें कब और किसने ढूंढा था भारत में AIDS (First Case of AIDS in India in Hindi) का पहला मामला?

‘अय्याश’ पश्चिमी देशों की बीमारी

Nirmala Sellappan Who Discovered First Case of HIV in India
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Who Discovered First Case of HIV in India in Hindi: अमेरिका में ये AIDS के मामलों की जांच 1982 से शुरू हो गई थी, लेकिन इस दौरान भारत में डॉक्टर इस बीमारी की जांच में ख़ुद को फंसाना नहीं चाहता था. वहीं, 1980 के दौर में इस बीमारी को ‘अय्याश’ पश्चिमी देशों की बीमारी कहा जाता था. उस दौरान कई अख़बार लिखा करते थे कि जब तक ये बीमारी भारत आएगी, तब तक अमेरिका इसकी दवा बना चुका होगा. 

32 वर्षीय छात्रा ने की AIDS की जांच शुरू

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Who Discovered First Case of HIV in India in Hindi: ये बात 1985 की है जब चेन्नई की एक 32 वर्षीय माइक्रोबायोलॉजी की छात्रा अपने आर्टिकल का विषय ढूंढ रही थी. उस छात्रा का नाम था सेलप्पन निर्मला (Nirmala Sellappan in Hindi). इस बीच उनकी शिक्षक सुनिति सोलोमॉन ने उन्हें HIV AIDS के लिए लोगों की जांच करने की बात कही.

बीबीसी के लेख के अनुसार, चेन्नई और उसके आसपास रहने वाले लोग रुढ़ीवादी सोच के माने जाते हैं, जबकि मुंबई में खुली सोच के इंसान है. इसलिये, मुबंई से एड्स की जांच के लिए कई सैंपल इकट्ठा किए गए थे, लेकिन उनका रिज़ल्ट नेगेटिव ही आया था. 

इसलिए, निर्मला को भी लग रहा था कि उनकी मेहनत बेकार जा सकती है, लेकिन सोलोमॉन ने उन्हें जांच करने के लिए राज़ी कर लिया था. 

 200 लोगों के ब्लड सैंपल 

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Who Discovered First Case of HIV in India in Hindi: इस जांच के लिए सेलप्पन निर्मला ने तय किया कि वो उन 200 लोगों का सैंपल इकट्ठा करेंगी, जिन्हें एचआईवी से संक्रमित होने का ज़्यादा ख़तरा है, जैसे सेक्स वर्कर्स, अफ़्रीकी छात्र और समलैंगिक. 

लेकिन, ये काम इतना आसान नहीं था, क्योंकि निर्मला इस जानलेवा सक्रमण के बारे में पूरी तरह अनजान थीं. साथ ही समस्या ये भी थी कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में बड़े रेड लाइट एरिया थे, लेकिन चेन्नई में निश्चित जगह नहीं थी. इसलिए, निर्मला को लगातार मद्रास जनरल हॉस्पिटल जाना पड़ा. इस अस्पताल में Sexually Transmitted Diseases से पीड़ित महिलाओं का इलाज हुआ करता था. 

सैंपल इकट्ठा करने के लिए निर्मला ने वहां कुछ मिले सेक्स वर्कर्स से दोस्ती कर ली, जिन्होंने अन्य सेक्स वर्कर्स के बारे में बताया. 

‘वी होम’ 

First Case of AIDS in India in Hindi: निर्मला ने जब उन सेक्स वर्कर्स का कार्ड देखा, तो उसपर ‘वी होम’ लिखा था यानी Vigilance Home. ये वो जगह होती थी जहां अधिकारियों की क़ैद में वैश्याएं और बेसहारा लोग रहते थे. निर्मला रोज़ सुबह वहां सेक्स वर्कर्स से मिलने जाया करती थीं. 

पति ने दिया सहयोग 

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Nirmala Sellappan Who Discovered First Case of HIV in India: निर्मला एक छोटे से गांव से संबंध रखती हैं, जहां का समाज रूढ़ीवादी सोच का था. इसलिए, इस काम को करते हुए वो थोड़ा अहसहज भी महसूस करती थीं, लेकिन उनके पति ने उनका सहयोग दिया. दोनों ने नया-नया करियर शुरू किया था, तो वो पैसे बचाने के लिए अक्सर निर्मला को अपने स्कूटर पर रिमांड होम छोड़कर आते थे. उन्हें हर कदम पर अपने पति का सहयोग मिला. 

80 सैंपल किए गए इकट्ठा 

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लगातार तीन महीने मेहनत करने के बाद 80 सैंपल हाथ लगे. वहीं, निर्मला ने उन सेक्स वर्कर्स को नहीं बताया था कि वो किस चीज़ की जांच कर रही हैं, क्योंकि वो सब अनपढ़ थीं और मेडिकल की बातें वो समझ नहीं सकती थीं. उन्हें सिर्फ़ ये लगा था कि निर्मला यौन रोग से जुड़ा कोई अध्ययन कर रही हैं. 

सोलोमॉन ने अपने पति की मदद से घर में ही एक छोटा-सा लैब बनाया था, जहां निर्मला और सोलोमॉन काम करती थीं. वहीं, सैंपल को रखने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं थी, इसलिए निर्मला ने उन्हें अपने घर के फ़्रीज़ में ही रखा था. 

सैंपल की जांच 

Nirmala Sellappan Who Discovered First Case of HIV in India: चेन्नई में सैंपल की जांच की सही व्यवस्था न होने की वजह से सोलोमॉन ने 200 किमी दूर वेल्लोर के Christian Medical College में इसकी व्यवस्था कराई. 1986 की फ़रवरी के एक दिन निर्मला ने सैंपल्स को एक आइस बॉक्स में रखा और अपने पति के साथ ट्रेन से वेल्लोर पहुंचीं. 

मेडिकल कॉलेज में निर्मला की मदद के लिए वहां दो लोगों को लगाया गया था, एक पी जॉर्ज बाबू और एरिक सिमॉस. 

सैंपल पीले हो गए थे

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बीबीसी के लेख में निर्मला बताती हैं कि पी जॉर्ज बाबू ने लिड को खोलकर देखा और तुरंत बंद कर दिया, लेकिन मैंने देख लिया था कि उनमें से 6 सैंपल पीले पड़ गए थे. मैंने ऐसा पहले नहीं देखा था. 

इसके बाद डॉ. सिमॉस भी कमरे में आए और उन्होंने भी रिज़ल्ट देखा. सिमॉस ने कहा कि इनमें से कुछ के रिज़ल्ट पॉज़िटिव हैं. ये सुनकर निर्मला कमरे के बाहर डॉ. जॉर्ज को बुलाने के लिए दौड़ी और आगे से डॉ. जॉर्ज दौड़ते हुए आ रहे थे. इसके बाद जॉर्ज ने पूछा कि आपने इन सैंपल्स को कहां से इकट्ठा किया? हालांकि, निर्मला ने यहां आते वक़्त ये कसम खाई थी कि वो ये किसी को नहीं बताएंगी. 

सोलोमॉन को रिज़ल्ट के बारे में बताया 

चेन्नई पहुंचकर निर्मला ने सोलोमॉन को सारी बातें बताईं. सोलोमॉन मेडिकल कॉलेज के दोनों डॉक्टर्स और निर्मला के साथ उन सेक्स वर्कर्स के पास गईं और दोबारा से सैंपल लिए गए. 

कन्फ़र्म हुआ कि भारत में एचआईवी आ चुका है 

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Nirmala Sellappan Who Discovered First Case of HIV in India: सैंपल लेकर डॉ. जॉर्ज और डॉ. सिमॉस तुरंत अमेरिका के लिये रवाना हो गए और वहां वेस्टर्न ब्लॉट टेस्ट में साबित हो गया कि भारत में एचआईवी वायरस आ चुका है. ये ख़बर इंडियन काउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) को दी गई, जिसने ये जानकारी तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और स्वास्थ्य मंत्री की दी. 

शुरू में लोगों को विश्वास नहीं हुआ और कई लोगों ने इसकी जांच पर सवाल भी उठाए थे. वहीं, बड़े स्तर पर जांच और रोकथाम के कार्यक्रम चलाए गए. हालांकि, कुछ सालों बाद भारत में भी ये महामारी फैल गई.