Meenakshi Express: पश्चिमी मध्य प्रदेश की हेरिटेज रेलवे से जुड़ी 150 साल पुरानी मिनाक्षी एक्सप्रेस ने 31 जनवरी को अपना आख़िरी सफ़र तय किया. मीटर गेज रेल लाइन पर चलने वाली इस ट्रेन को अंतिम बार हरी झंडी दिखाई गई.
इस रेल के आख़िरी सफ़र के बारे में जान पश्चिमी मध्य प्रदेश के लोग भावुक हो गए. भारी संख्या में वो इसे अंतिम विदाई देने पहुंचे. लोगों ने ट्रेन के ड्राइवर और टीटी का माला पहनाकर अभिवादन भी किया. क्यों ये ट्रेन इतनी ख़ास थी और चलिए तस्वीरों की मदद से आपको बता देते हैं.
Meenakshi Express
ये भी पढ़ें: रेल इंजन पर लिखे WAG, WAP जैसे कोड्स का मतलब समझ लो, ताकि अगली बार देखो तो सिर ना खुजलाना पड़े
1. मिनाक्षी एक्सप्रेस मीटर गेज पर चलती थी. ये एक्सप्रेस मध्यप्रदेश के महू और खंडवा ज़िले के बीच 123 किलोमीटर का सफ़र तय करती थी.
ये भी पढ़ें: इन 21 तस्वीरों में झलक है भारतीय रेलवे के उस इतिहास की, जिस पर हर देशवासी को गर्व होगा
2. प्रसिद्ध ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग इसी रूट पर है. इसलिए ये ट्रेन श्रद्धालुओं के बीच काफ़ी लोकप्रिय थी.
3. इसके इतिहास की बात करें तो एमपी के होलकर शासकों ने अपनी राजधानी इंदौर को खंडवा से जोड़ने के लिए एक लाइन बिछाने का काम अंग्रेज़ों को दिया था.
4. इसके लिए 1870 में अंग्रेज़ों को 101 साल के लिए 1 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था.
5. 1 दिसंबर 1874 में ये रेलवे मार्ग बन कर तैयार हो गया था और उसी समय से वहां पर रेल सेवा प्रारंभ कर दी गई थी.
6. ये रेल मार्ग के उत्तर भारत और पश्चिमी भारत को जोड़ता था. जब इसकी शुरुआत हुई थी तो लोग ट्रेन के ज़रिये यहां से जयपुर और हैदराबाद की यात्रा किया करते थे.
7. अब इस रेल मार्ग पर ब्रॉड गेज का रेलवे मार्ग बनाया जाएगा. इसलिए इस रूट की सारी सेवाएं बंद कर दी गई है.
8. ब्रॉड गेज ट्रैक बनाने के लिए नर्मदा नदी पर बने रेलवे पुल की जगह नया पुल बनाया जाएगा. उसे भी नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.