दुनिया के सबसे रहस्यमयी संगठन इल्युमिनाटी (Illuminati) पर फ़िल्ममेकर महेश भट्ट और विनय भारद्वाज मिलकर एक म्यूज़िकल वेब सीरीज़ बनाने जा रहे हैं. इस सीरीज़ में रणवीर सिंह और विक्की कौशल लीड रोल में दिखाई देंगे. हाल ही में रिलीज़ हुई एमसीयू की फ़िल्म ‘Doctor Strange 2’ में भी इल्युमिनाटी (Illuminati) मेंबर की कहानी दिखाई गई थी. हालांकि, दुनिया अब तक इस फ़ैक्ट को नकारते आई है कि, दुनिया में ‘इल्युमिनाटी’ नाम की कोई चीज़ भी है. लेकिन बॉलीवुड अब इस छिपे हुए ग्रुप पर रोशनी डालने की कोशिश कर रही है, जिससे दुनिया की एक बड़ी आबादी अब भी अनजान है. वहीं दुनिया का एक बड़ा हिस्सा ऐसा भी है जो न सिर्फ़ इस ग्रुप से जुड़ा है, बल्कि पूरी दुनिया पर राज करने की तैयारी भी कर रहा है.

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भारत समेत दुनिया की हर एक ख़ुफ़िया एजेंसी को दुनिया भर में कब, कहां, क्या हो रहा है इसकी जानकारी होती है, लेकिन दुनिया के इस रहस्यमयी संगठन इल्युमिनाटी (Illuminati) की जानकारी किसी के भी पास नहीं है. इस ग्रुप का न कोई हैडक्वार्टर है न ही कोई चीफ़ और न ही कोई सदस्य. फिर भी ये संगठन पूरी दुनिया पर क़ब्ज़ा करने की तैयारी में है. ये ग्रुप इतने रहस्यमयी तरीके से काम करता है कि किसी भी देश की सरकार को इसकी भनक तक नहीं लगती है. 

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चलिए जानते हैं दुनिया के इस रहस्यमयी संगठन इल्युमिनाटी (Illuminati) की शुरुआत कब और कैसे हुई थी. 

क्या है Illuminati Group?

कहा जाता है कि 18वीं सदी में सीक्रेट तरीके से बना ये रहस्यमयी संगठन ऐसे लोगों का समूह है जो भगवान को नहीं, बल्कि शैतान को मानता है. इस ग्रुप के लोग पूरी दुनिया में फ़ैले हुये हैं, लेकिन इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है. ये अक्सर अपनी सीक्रेट गतिविधियों से दुनिया के बड़े फ़ैसलों पर प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं. इस ग्रुप के लोग ख़ुफ़िया तरीके से मिटिंग करते हैं और रहस्यमयी तरीके से दुनिया बदलने की कोशिश करते हैं. लेकिन सवाल ये है कि, आख़िर ये संगठन इतना सीक्रेटली काम कैसे करती है जिसका सबूत मिल पाना भी असंभव है! 

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‘इल्युमिनाटी ग्रुप’ का रहस्यमयी इतिहास 

जर्मन फ़िलॉसफर Adam Weishaupt ने 1 मई, 1776 को जर्मनी के बेवेरिया सिटी में ‘इल्युमिनाटी ग्रुप’ की शुरुआत की थी. एडम जर्मन की University of Gottingen में ‘केनन लॉ और प्रैक्टिकल फ़िलोसफ़ी’ के प्रोफ़ेसर थे. वो अपनी ख़ुशहाल ज़िंदगी जी रहे थे, लेकिन साथ ही साथ उनके अंदर एक नई दुनिया बसाने का सपना भी पल रहा था. दरअसल, प्रोफ़ेसर एडम अक्सर लगता था कि लोग कैथोलिक सोच और चर्च के नियम क़ानूनों के चलते अपनी ज़िंदगी खुलकर नहीं जी पा रहे हैं. बस यहीं से उन्हें एक ऐसा ग्रुप बनाने का विचार आया जो बिना नियम क़ानूनों के जिंदगी जीना का एक नजरिया देगा.

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1776 में हुई थी पहली मीटिंग 

कहा जाता है कि Adam Weishaupt ने 1776 में एक सीक्रेट मीटिंग रखी जिसमें उन्होंने एक नई सोसाइटी बनाने के संबंध में लोगों के समक्ष अपने विचार रखे थे. इस दौरान मीटिंग में उनकी यूनिवर्सिटी के 5 लोग भी शामिल हुए थे. इस दौरान इस मूड पर गहन विचार विमर्श हुआ और सबकी सोच मिलने के बाद ‘इल्युमिनाटी ग्रुप’ की शुरुआत हुई. 5 लोगों के साथ शुरू हुआ ये सिलसिला देखते ही देखते 100 लोगों के पार कर गया. 1 साल के भीतर ही क़रीब 3000 लोग इस ग्रुप से जुड़ चुके थे.

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ग्रुप का Logo और इसके सख़्त नियम

इस ग्रुप के संस्थापक Adam Weishaupt ने ही इसे इल्युमिनाटी नाम दिया था. इल्युमिनाटी एक लेटिन शब्द है जिसका हिंदी अर्थ है ऐसे लोग जो दूसरों से ज़्यादा ज्ञानी होने का दावा करते हैं. एडम ने धार्मिक नियमों के बिना जीने वाले लोगों के लिए कुछ नियम भी बनाए थे. इनमें से एक नियम ग्रुप से जुड़े लोग भगवान के ख़िलाफ़ होकर शेतान लूसिफर को पूजा करेंगे. इस ग्रुप का कोई ऑफ़िशियल Logo तो नहीं है, लेकिन ग्रुप के लोग एक आंख को अपना चिन्ह मानते हैं. इस आंख को एक त्रिकोण में रखकर ग्रुप का Logo बनाया गया है. हालांकि, सीक्रेट सोसाइटी होने के कारण कभी इस पर आधिकारिक मुहर नहीं लग सकी.

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जब समाज के लिए ख़तरा बनने लगा था ये ग्रुप 

शैतान की पूजा करने वाले इस ग्रुप के लोग धीरे-धीरे भगवान को मानने वालों के ख़िलाफ़ होने लगे और उनके साथ बुरा व्यवहार करने लगे. इस दौरान इस ग्रुप के लोग ‘काला जादू’ का सहारा भी लेने लगे थे. शैतान को ख़ुश करने के लिए ये लोग इंसानों की बली देते थे और आत्माओं को गिरवी रखते थे. इस दौरान जो लोग ऐसा करते थे ‘इल्युमिनाटी ग्रुप’ के लोग उन्हें सर्वश्रेष्ठ समझते थे. दुनिया के कई देशों में एबॉर्शन गैरक़ानूनी था, लेकिन इस ग्रुप के लोग एबॉर्शन को बढ़ावा देने लगे. इतना ही नहीं इस ग्रुप के लोगों के लिए आत्महत्या करना भी एक मामूली सी बात बन गई थी. 

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ट्रांसपेरेंट इंक से भेजा करते थे सीक्रेट मैसेज

सन 1779 के अंत में जब इस ग्रुप के लोग आम जनता पर हावी होने लगे तो जर्मन सरकार ने इनके ख़िलाफ़ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिये. इस दौरान सरकार ने इस ग्रुप से जुड़ने वाले हर शख्स को सजा-ए-मौत देने का फरमान सुना डाला. बावजूद इसके ‘इल्युमिनाटी’ की गतिविधियां रुकी नहीं. अब ये पहले से भी ज़्यादा रहस्यमयी तरीके से अपना एजेंडा चलाने लगा. इसके बाद जब सरकार ने इस ग्रुप से जुड़े लोगों के घर में छापा मारना शुरू किया तो इनके घरों से एक ‘ट्रांसपेरेंट इंक’ बरामद हुई. इस स्याही से ये लोग सीक्रेटली एक दूसरे को संदेश भेजा करते थे.

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1780 में बंद हो गया था ये ग्रुप

सन 1780 में जर्मन सरकार ने समाज के लिए ख़तरा बताते हुए इस ग्रुप को बैन कर दिया था. इस दौरान इसके संस्थापक Adam Weishaupt को यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर पद से भी हटाने के साथ ही उन्हें शहर से भी बेदखल कर दिया गया था. ताकि वो दोबारा इस तरह की कोई सोसाइटी न बना सके. इसके कुछ सालों बाद एडम ने दूसरी यूनिवर्सिटी में नौकरी शुरू कर दी और आम ज़िंदगी जीने लगा. 18 नवंबर 1830 को Adam Weishaupt की मौत के बावजूद दुनियाभर में फ़ैल चुके ‘इल्युमिनाटी ग्रुप’ के मेंबर्स लगातार काम करते रहे.

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अमेरिकी राष्ट्रपति की हत्या की साजिश 

कहा जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति John F. Kennedy की हत्या भी इसी ग्रुप के लोगों ने करवाई थी. 22 नवंबर, 1963 में हुई जॉन एफ़ कैनेडी की हत्या आज भी एक रहस्य है. बताया जाता है कि कैनेडी की हत्या से ठीक पहले एक संदिग्ध महिला के हाथ में कैमरा की तरह दिखने वाली एक पिस्तौल थी. ये लेडी कौन थी और कहां से आई थी ये आज भी एक राज है. बाद में इस महिला को ‘द बबुश्का लेडी’ के नाम से पहचान मिली. समय समय पर ये ग्रुप इतने रहस्यमयी तरीके से काम करता रहा है कि कभी किसी को इसके ख़िलाफ़ को सबूत तक नहीं मिल सके. इसके अलावा ‘फ्रांस की क्रांति’ में भी ‘Illuminati Group’ का ही हाथ बताया जाता है.  

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इन हस्तियों पर इस ग्रुप से जुड़े होने का शक

आज भी ‘इलुमिनाती ग्रुप’ से जुड़े लोग रहस्यमयी ज़िंदगी जीते हैं. अमेरिकन सिंगर कैटी पैरी पर भी इस ग्रुप से जुड़े होने के आरोप लगे हैं. कैटी अपने कई म्जूकिल एलबम और अवॉर्ड नाइट परफॉर्मेंस में ‘इल्युमिनाटी’ से जुड़े चिन्ह को प्रदर्शित कर चुकी हैं. इसके अलावा जस्टिन बीबर, माइली सायरस, मडोना, ब्रिटनी स्पीयर्स, लेडी गागा, कान्ये वेस्ट, किम कार्दशियन, एमिनम और यो यो हनी सिंह जैसे सेलेब्स पर भी इस ग्रुप से जुड़े होने का शक है.

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हम इस बात का दावा तो नहीं करते कि ‘Illuminati Group’ इस दुनिया में एग्जिस्ट करता है, लेकिन मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर आपको इससे जुड़े कई लेख मिल जायेंगे.