सफ़र
बैठे-बैठे बावरा मन उड़ते-उड़ते पहुंच गया उन्हीं दिनों के बीच.
1. मैं हर सफ़र में मुंह पर पानी के छिंट मारकर गेट पर खड़ी होती थी, ज़ोरदार हवा और पानी मस्त फ़ील देते थे.
2. स्टेशन पहुंच कर सबसे पहले चेक करता था कि सीट के आस-पास कोई लड़की है या नहीं.
3. ट्रेन में ताली की आवाज़ आते ही सो जाने की एक्टिंग करना.
4. झालमुड़ी वाला आये या चिनिया-बादाम वाला सबकुछ ख़रीद कर खाना
5. स्टेशन से क्रिकेट सम्राट ख़रीद कर ट्रेन में पढ़ना
6. चंपक, नंदन का लेटेस्ट एडिशन ट्रेन में ही ख़रीदना और पूरा पढ़ जाना.
7. हर स्टेशन पर उतरते थे और जब तक ट्रेन चल न दे उस पर नहीं चढ़ते थे.
8. ट्रेन में होने वाली डिबेट्स में हिस्सा लेना और जब पैसेजर्स लड़ने लगे तो चुपचाप मज़े लेना.
9. सूसू तो जैसे-तैसे कर लेते थे पर पॉटी कभी नहीं.
10. ट्रेन तो लेट होती थी तो साथ वालों के साथ मिलकर सिस्टम की बुराई करना
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