दिवाली बीत गई. सोन पापड़ी भी कई घर घूमकर कहीं सेटल भी हो गई होगी. कुछ लोग दिवाली के ट्रांस में हैं और हम जैसे कुछ दफ़्तर की शक़्ल देखने को मजबूर.


ज़ाहिर है दिवाली की एक ही दिन की छुट्टी मिलती है. क़िस्मतवालों को ही दिवाली के दूसरे दिन छुट्टी मिलती है और हम उन कुछ क़िस्मतवालों में से नहीं है.  

सुबह-सुबह ऑफ़िस आना पड़ा है और ऑफ़िस किसी वर्किंग सैटर्डे से भी खाली है, ऐसे में मन में जो-जो ख़याल आ रहे थे वो लिख डाले हैं- 

1. ये बॉस ने छुट्टी वाला मैसेज क्यों नहीं भेजा? 

Good Night Sleep Site

2. एक तो छुट्टी नहीं है ऊपर से सुबह से 10 लोग इनाम मांगने आ चुके हैं. बगल वाला घर गया है उसकी मेड भी इनाम मांगकर गई है. 

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3. सड़कें कितनी खाली हैं, पूरा शहर ही शिफ़्ट हो गया क्या? 

4. वर्किंग सैटर्डे पर भी इससे ज़्यादा लोग रहते हैं. 

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5. HR के मन में क्या ज़रा भी दया नहीं है? 

Tenor

6. हे भगवान ये दिन 8 घंटे की जगह 80 घंटे का क्यों लग रहा? 

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7. दारू-सुट्टा सब छोड़ देंगे बस अगले साल दिवाली में टिकट मिल जाए. 

Tenor

8. डियर देशवासियों, एक धक्का और दो गोवर्धन पूजा को नेशनल हॉलीडे बना दो. 

Zee News India

9. आंखे जल रही हैं, शहर का क्या हाल बना दिया है, दिवाली पर सबको बवाली बनना ज़रूरी था? 

NDTV

10. मेरी कंपनी होती न तो सबको छुट्टी दे देती