बिस्तर पर पड़े 2 घंटे 56 मिनट बीत चुके हैं. सारा ज़माना जो हसीनों का दिवाना था सो चुका है. जाग रहे हैं तो सिर्फ़ भूत-प्रेत, पिशाच, चुड़ैल, डायन और तुम.
आसान नहीं होता नहीं सोना. जो लोग सोने के बारे में लंबी-लंबी हांकते हैं उनसे बच-बचकर चलना. उनसे जलन न होने की कोशिश करना…
नींद की ग़ैरहाज़िरी में आते हैं दिमाग़ में ये 14 ख़्याल-
1. भेड़ गिनना शुरू करूं क्या?

2. सो जा बे, नहीं सोया तो कल देर से उठेगा और बॉस सोने के लिए छुट्टी इस जन्म में नहीं देगा.

3. ये पंखा इतनी आवाज़ क्यों कर रहा है, इसी के नीचे दबकर मरेंगे क्या?

4. 4 पेग लगा लूं क्या?

5. कल से कॉफ़ी को हाथ भी नहीं लगाऊंगा.

6. एक बार और सूसू कर लूं क्या?

7. ‘गाड़ीवाला आया घर से कचरा निकाल’… चुप कर बेवकूफ़, अभी गाने का टाइम है?
8. लोरी टाइप गाना सुन लूं क्या?

9. कल से फ़ोन, लैपटॉप अल्मारी में लॉक करके सोएंगे.

10. ये कुत्ते 1 बजे ही कॉन्सर्ट क्यों शुरू करते हैं?

11. आख़िर कब मिलेगी GooglePay पर रंगोली?

12. क्या मुझे डॉक्टर के पास जाना चाहिए?

13. ये सारे रबर बैंड्स, क्लिप्स, सेफ़्टी पिन, रबर, पेंसिल खोकर जाते कहां है?

14. मम्मी की गोदी कितनी सही होती थी.

और कुछ आता हो दिमाग़ में तो दिमाग़ से निकालकर कमेंट बॉक्स तक पहुंचा दो.