इस दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो ज्योतिष विद्या को मानते हैं, सबकी अपनी-अपनी श्रद्धा है. लेकिन सच कहूं तो मुझे ये एक विचित्र कला लगती है. अब आप सोच रहे होंगे कि मैंने इसे ‘ज्योतिष विज्ञान’ क्यों नहीं कहा? क्योंकि ये विज्ञान नहीं है. ये एक कला है जिसे सीखना पड़ता है. जैसे एक जादूगर जादू की कोई ट्रिक सीखता है ठीक वैसे ही. साइंस का इससे कोई लेना देना नहीं है.
जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कल सूर्य ग्रहण था. ऐसे में न्यूज़ चैनलों ने हमेशा की तरह सुबह से ही गेस्ट के तौर पर एक से बढ़कर एक वैज्ञानिक व ज्योतिषाचार्यों को लाइव डिबेट के लिए बुलाया हुआ था.

इस दौरान टीवी चैनलों के एंकर ज़ोर-ज़ोर से चीख़ कर बता रहे थे ‘थोड़ी ही देर में पृथ्वी अंधकारमय हो जाएगी, धरती पर अंधेरा छा जायेगा, ऐसा प्रतीत होगा मानो रात हो गई हो, पशु-पक्षियां रात समझकर अपने ठिकाने को लौटने लगेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. टीवी चैनलों ने जनता को सिर्फ़ ‘मुंगेरी के हसीन सपने’ दिखाए.

ख़ैर, चलिए मज़े की बात बताते हैं…

ठीक इसी दौरान दूसरे गेस्ट के तौर पर आए वैज्ञानिक साहब बिंदास होकर लाइव टीवी पर कुछ न कुछ खाए जा रहे थे. वैज्ञानिक साहब इस दौरान ज्योतिषाचार्य जी की बातों पर मज़े लेते भी दिखे. ऐसा लग रहा था मानो उन्हें ज्योतिषाचार्य जी की बातों का ख़ौफ़ ही न हो.
Scientist eats food on live TV after astrologer says that food should be avoided because of the solar eclipse. from r/india
आपने टीवी पर चीखम चिल्ली वाली डिबेट तो ख़ूब देखी होंगी, लेकिन ज्योतिषाचार्य जी की ऐसी घनघोर बेइज्जती पहले कभी नहीं देखी होगी. क्या सोच रहे होंगे उनके भक्त? दृश्य वाक़ई में बड़ा विचित्र था.
ज्योतिषाचार्य जी ज्ञान पेल रहे थे, वैज्ञानिक साहब पेट पूजा कर रहे थे और एंकर साहब मुंह दिखाने लायक नहीं थे.