सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 12 वीं का रिज़ल्ट जारी कर दिया है. इत्ती टेंशन इंडो-चाइना बॉर्डर पर खड़े सैनिकों को नहीं होती होगी, जित्ती इस वक़्त हमारे कथित तौर पर मासूम छात्र-छात्राओं को हो रही है.   

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टेंशन के मारे, हनुमान जी के सहारे रहने वाले छात्रों ने मंदिर के आगे तरह-तरह के वादे कर डाले हैं. बजरंगबली ने भी साफ़ कर दिया है कि ‘उधार मांगकर शर्मिंदा न करें’. ‘आज नकद कल उधार’ को परीक्षा में पास होने का मूल मंत्र मानें.  

जो परीक्षा में पास हो गए हैं, वो तुरंत भगवान को भूल गए, जो फे़ल हुए हैं उन्होंने दोबारा भगवान को याद न करने की क़सम खा ली है. बताया ये भी जा रहा है कि बच्चे CBSE के ख़िलाफ़ देवा की अदालत में जाने का मन बना रहे हैं.   

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अम्मा भी जिस बच्चे को अब तक मेरा लाल, मेरा लाल कर पुचकार रही थीं, उसे रिज़ल्ट आने के बाद सच में लाल कर दिया गया है. वहीं, शर्मा जी के लौंडे से सफ़लता का पैरामीटर शर्माइन आंटी की बिटिया ने हथिया लिया है. लड़कों की तुलना में 5.96 फ़ीसदी लड़कियां ज़्यादा पास हो गई हैं. इसी के साथ लड़कियों ने एक बार फिर लड़कों की अंडरवर्ल्ड में थू-थू करा दी है.  

इतना सबकुछ चल रहा है तो हमारे मीमबाज़ मिमियाने से कैसे छूट जाते. ट्विटर पर धकापेल तफ़री काटी जा रही है. एक से बढ़कर एक चौकस मीम्स बन रहे हैं. #CBSEResults का मामला ट्रेंडिंग है.  

अंत में बस इतना ही कि बेटा जिस तरह ‘इस फ़िल्म में दिखाए गए पात्र काल्पनिक होते हैं’, वैसे ही 12वीं का रिज़ल्ट तुम्हारी ज़िंदगी का कुछ बना-बिगाड़ देगा जैसी बातें भी काल्पनिक ही हैं. रिज़ल्ट कैसा भी आए, उसे मस्त लैमिनेट करवा कर रख लेना, काहे कि असल ज़िंदगी की मेहनत बहुत पसीना निकलवाती है, मार्कशीट भीग जाएगी.