दालों की बढ़ती कीमत को देख कर सरकार ने हिंदी से “दाल में कुछ काला है”, “दाल नहीं गली”, “घर की मुर्गी दाल बराबर”, “छाती पर मूंग दलना”, “आटे-दाल का भाव” जैसे मुहावरों पर बैन लगाने की घोषणा की है. इसके बाद सरकार के ख़िलाफ़ कई जगह प्रदर्शन और विरोध रैलियां निकाली जा चुकी हैं.
अपने अवार्ड को लौटा कर कई साहित्यकार और कला प्रेमी इस विरोध प्रदर्शन में कूद पड़े हैं. मशहूर रैपर यो यो हनी सिंह भी अपना पद्म विभूषण लौटा कर इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी का हनन बता रहे हैं. अमेरिकन प्रेसिडेंट बराक ओबामा ने राष्ट्रपति चुनावों को देखते हुए भारत सरकार से इस मुहावरे पर से बैन हटाने की मांग की है. उनका मानना है कि सरकार के इस कदम से अमेरिका में मौजूद भारतीय वोटों को अपने खेमे में लाया जा सकता है. भारतीय वोटों को देखते हुए विपक्षी भी ओबामा के इस हमले का जवाब नहीं दे पा रहे हैं.
इस बीच खबर मिली है कि विश्वविद्यालय में हिंदी की परीक्षा दे रहे उन सभी छात्रों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, जिनकी कॉपी में दाल का ज़िक्र पाया गया था. छात्रों के समर्थन में युवा नेता राहुल गांधी ने एक विशाल रैली का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने गजनी की तरह अपने शरीर पर दालों के नाम को गुदवाया हुआ था.