हम बिहार से हैं और इसका पता हमें तब ज़्यादा चला जब हम बिहार से बाहर गए. पिछले चार साल से हम एक नॉन रसिडेंट बिहारी हैं. अब बिहार से जुड़ी सभी चीज़ें हमसे जुड़ी हुई हैं. बिहार से कोई भी ख़बर आती है, हमारे आप-पास वाले हमें घूर कर देखने लगते हैं. जब रूबी राय का भांडाफोड़ हुआ था तब हमारे दोस्त हमे ऐसे देख रहे थे जैसे दीवार से चढ़ कर हमने ही पर्चे दिए थे.

ख़बरों को छोड़िये, कुछ चीज़ें तो ऐसी भी होती हैं जिनका ताल्लुक बिहार से है भी नहीं, फिर भी वो हमसे जोड़ देते हैं. बिहार के बारे में हमसे ऐसे-ऐसे सवाल पूछे जाते हैं, जो हमने भी कभी नहीं सोचे. जब सुन-सुन के माथा ख़राब हो जाता है, तब गुस्से में चुप रह कर सवाल टाल देते हैं. हमे पता है, ऐसा सिर्फ़ हमारे साथ ही नहीं, बिहार से जुड़े हर आदमी के साथ होता होगा…

आगे किसी को मार न बैठें, इसलिए सोचा पहले एक लिस्ट जारी कर देते हैं, जिससे लोग समझ जाए कि हमसे किस तरह के सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए.

1.

हम बेव़कूफ़ों को चउपट भी बोलते हैं.

2.

बिहारी उतना ही लिट्टी-चोखा खाते हैं जितना नॉर्थ में लोग गुझिया. साल में कुछ ही बार नसीब होता है.

3.

बिहार विधानसभा में 243 सीट ही हैं, इतनी सीटों में कितनों के चाचा विधायक हो जाएंगे?

4.

सब को लगता है, बिहारी है खैनी तो खाता ही होगा, नहीं भाई नहीं. हम अपने परिवार और दोस्त के ग्रुप को मिला दें तो कुल 30 लोग होंगे, उनमें से सिर्फ़ 1 इंसान खैनी खाता है और वे हैं हमारे दादा जी. पूरा बिहार खैनी नहीं खाता.

7.

ये कोई रसम नहीं है, जो हर बिहारी निभाते हैं. जितना बदनाम बिहार है नहीं, उससे ज़्यादा बदनाम अपनी फ़िल्मों को हिट कराने के लिए प्रकाश झा ने दुनिया के सामने करवा रखा है.

8.

उस हिसाब से हम झारखंड के बाप हुए और तुम्हारे दादा, पैर छुओ हमारे.

9.

मेरा मैथ सही है लेकिन तुम्हारा दिमाग नहीं.

10.

तुम्हारे हिसाब से लालू यादव इंसान तो है नहीं, वो एक कैरेक्टर है. जब-जब वो टीवी पर आता है, तब-तब वो अपनी वॉइस मॉड्युलेट कर लेता है. बाकि जब खाली बैठा रहता है, तब शाहरुख ख़ान की आवाज़ निकालता है.

11.

न कर रहा हूं, न करने का कभी सोचा और न ही आगे कभी करने वाला हूं. लिख के दूं?

12.

पहले तो ‘बिहारी’ कोई भाषा नहीं है, जिसकी तुम बात कर रहे हो वो ‘भोजपुरी’ है और बिहार में मैथली भी बोली जाती है, कभी सुने हो?