एक इंसान की पहचान उसकी छवि से बनती है. वो छवि, जिसे वो दुनिया के सामने रखता है. उसकी बातों से बात करने के तरीके पर, उससे जुड़ी हर चीज़ उस छवि की छाप होती है. अगर आपकी दिलचस्पी राजनीति में न के बराबर भी हो, तब भी आप ज़रूर इस नेता को जानते होंगे. वजह कई हो सकती हैं, इनका नाम, अंदाज़, भाषण शैली सब अपने आप में ख़ास है. इन्हें कई वजहों से याद किया जाएगा. अपने मंत्रालय के लिए इन्होंने ऐसा काम किया कि लोग इन्हें ‘मैंजमेंट गुरु’ मानने लगे. एक राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं,वो भी एक नहीं कई बार. इनकी पार्टी की पहचान इन्हीं से है.भूख ज़रा ज़्यादा लगती है इन्हें, इसलिए अपनी भैंस का चारा भी खा गए, वैसे खाया और भी बहुत कुछ था. 

इन्हें अपने प्रतिद्वंदी की भी फ़िक्र रहती है.

इनकी अंग्रेज़ी संसद में सब को लाजवाब कर देती थी.

ये अपने गुरु के भी गुरु हैं.

इनके सामने ज़बान ज़रा संभाल कर!

ये गोली से नहीं, Sarcasm से मारते हैं.

अर्ज़ किया है…

ये हुई न मन की बात.

अधिक जानकारी के लिए अपने बिहारी दोस्त से संपर्क करें.

आपने तो दो लाइन में पूरी राजनीति शास्त्र का सार बता दिया.

मीडिया को पूरा कंटेंट देते हैं.

इन्हें सिर्फ़ मसखरा समझने की भूल मत कर बैठना.

इतनी हिंट देने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि ये हैं कौन. नहीं समझे? हट बुड़बक!