अंग्रेज़ी…उफ़्फ़! ससुरी लैंग्वेज नहीं बवाल है. काहे कि भारत में इंग्लिश नहीं ‘इंग्लिस’ बोली जाती है. बचपन में स्कूल की जगह ‘सकूल’ चले गए और मास्टर जी हमें ‘यम’ फॉर मैंगो और ‘यन’ फॉर नोज़ की जगह ‘नोज’ सिखा दिए. बस फिर क्या चुन्नू उमरिया में जो ट्रांसलेशन की जगह ‘ट्रांसलेसन’ सीखे, वो आज भी यूज़ की जगह ‘यूज’ हो रहा है.  

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दुनिया फ़ोन पर बिज़ी होती है और हम ‘फ़ून’ पर ‘बिजी’ रहते हैं. लोग रिक्शे से पार्क टहलने जाते हैं और हम ‘रक्शे’ से ‘पारिक’ की सैर पर निकलते हैं.   

अब क्या कीजिएगा, हम भारतीय देसीपन में नंबर-1 जो ठहरे. जौन शब्द जैसा समझ आया बस पेल दिए. लेकिन सवाल ये है कि आज अचानक क्यों हमारे इस अद्भुत टैलेंटवा का ज़िक्र हो रहा है? अमा कुछ नहीं, ट्विटर की कलाकारी है. हर रोज़ की तरह यहां फिर से भसड़ मची है.   

दरअसल, एक लौंडा फर्जी बैठे-बैठे एक ठोर ट्वीट हौक दीहिस. बोला, ‘ये स्टेशन क्या है? ये टेशन होता है.’   

बस फिर क्या. जैसे जली को आग, बुझी को राख कहते हैं… और जिस बारूद में उंगलीबाज़ी से धमाका हो उसे ट्विटरबाज़ कहते हैं. तो भइया इस ट्वीट पर सब पिल पड़े. फिर तो ऐसी हिंग्लिश की महफ़िल सजी कि दुनियाभर के अंग्रेज़ सॉरी शक्तिमान, सॉरी शक्तिमान कहते फिर रहे.    

तो फिर लीजिए आप भी इन चुनिंदा कलाकारियों का मज़ा.  

आया मज़ा? हां, तो फिर आप भी कमंट बॉक्स में कुछ ऐसे ही जबर देसी शब्द बताएं. एक बात और… इसे शेयर करने के बजाय ‘सेयर’ कर दीजिएगा.