ज़रा एक कप चाय मिल जाए, तो काम में फुर्ती आ जाए…
सिर दर्द है, ज़रा एक कप कड़क चाय पिला देना…
बेटा, अंकल जी के लिए एक कप गरमा-गरम चाय तो लाना…
ये ऐसे कुछ वाक्य हैं, जो भारतीय घरों में रोज़ और बार-बार बोले जाते हैं. चाय की खोज भले ही चीन में हुई हो, हम भारतीयों ने इसे इस कदर अपना लिया है कि मानों इसका जन्म भारत में ही हुआ हो. वैसे ये भारतीयों की ख़ासियत होती है कि हम अपने प्यार और अंदाज़ से विदेशी चीज़ को भी अपना बना लेते हैं.
अब बात करते हैं चाय के दीवानों की. अगर आपको चाय की खु़शबू, चाय की चुस्की, चाय का कप और चाय पर चर्चा पसंद है, तो आप ‘चयक्क्ड़’ यानी चाय के दीवाने हैं.
चाय के दीवाने तो हम भी हैं और चाय पीते-पीते आज हमारे खुराफ़ाती दिमाग़ में एक शरारत आई है और हमने चाय पर कुछ दोहे लिख डाले. हमारा दावा है कि आप इनसे ख़ुद को जोड़ पाएंगे.