आज कल फ़ैशन के नाम पर कुछ भी चलने लगा है. कभी डर्टी शूज़, कभी डर्टी जींस. मतलब फ़ैशन के नाम पर जितने पाप हो सकते हैं, लगता है सब इसी जन्म में होकर रहेंगे. लोग कुछ भी बना रहे हैं और पहनने वाले पहन भी रहे हैं.
अब इन्हें क्या है, फ़ैशन के नाम पर ये लोग तो अतरंगी चीज़ें पहन लेते हैं. पर देखने वाले की आंखों में तो चुभते हैं न ये वाहियात डिज़ाइन्स! देख कर ग़ुस्सा आता है वो अलग. कभी-कभी लगता है कि ऐसा घटिया पाप करने वालों को नरक में अलग सज़ा देनी चाहिये. कुछ भी वाहियात और अतरंगी चीज़ों को फ़ैशन बना कर परोस देते हैं.
दावे के साथ कह सकते हैं कि जब आप से अतरंगी फ़ैशनेबल चीज़ें देखेंगे न, तो आपको भी हमारी तरह ही ग़ुस्सा आएगी. हालांकि, हंसी भी कंट्रोल करनी होगी.
1. बच्चे के साथ ऐसा नहीं करना चाहिये था
2. पैंटी के नाम पर ये क्या मज़ाक किया है
3. अरे राम इसकी क्या ज़रूरत थी!
4. इनके लिये अलग सज़ा है
5. फ़ैशन के नाम पर तबाही!
6. कुछ भी बनाते हैं
7. शर्म भी नहीं है
8. इसका क्या करना है?
9. बहुत घटिया
10. क्या बकवास बनाया है?
11. इसे हम न पहनें
12. इसे ही कलयुग कहा गया है
13. देख कर उल्टी हो जाये
14. बहुत ही घटिया
15. बनाने से पहले अकल लगाना भूल गये
16. कहां से आते हैं ऐसे चोर लोग?
17. इससे वाहियात कुछ होगा ही नहीं
18. हंसी रोके नहीं रुक रही.
19. इसे भी ग़ुस्सा कर दिया
20. सस्ता और भद्दा.
एक बार ये पता चल जाएगा कि ऐसा काम किया किसने है. क़सम से ऐसा बदला लिया जायेगा कि भूल नहीं पायेंगे.