Funny Things In Indian Weddings: भारतीय शादियां एक कलाकारी भरा इवेंट होता है. औड़-बौड़ हर तरह का शख़्स शादियों में दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद के नाम पर खाना चापने पहुंचता है. बाहर से देखने पर तो हर चेहरा खिला नज़र आता है, मगर अंदर झांक कर देखेंगे तो कई कलेजे फुंके मिलेंगे. किसी को दूल्हा पसंद नहीं आता तो किसी को खाना. किसी को दुल्हन का स्टेज पर बैठ कर हंसना तक अखरता है. फ़िल्मों में ही पैसे दो, जूते लो… गाने पर डांस होता है. असल शादियों में तो दोस्त और रिश्तेदार जूते चलवा देने वाली नौबत खड़ी कर देते. (Indian Marriage)… तो भइया #ReadySteadyShaadi के माहौल में देखते हैं कि आख़िर क्या-क्या ख़ुरपेचें भारतीय शादियों में होती हैं.

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भारतीय शादियों की वो चीज़ें, जो किसी भी फ़िल्म में नज़र नहीं आएंगी.

Funny Things In Indian Weddings

1. दूल्ले के साथ कौन बैठेगा?

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घर का सबसे लखैरा लौंडा भी अपनी शादी में स्पेशल हो जाता है. ऐसे में दूल्हा चाहे कार से जाए या घोड़ी पर सवार हो, उसके साथ बैठने की चुल्ल हर कोई पाले रहता है. मसलन, अगर कार में दूल्हा है तो जीजा अपना कूल्हा पीछे सीट पर ज़रूर टेंकेगे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो बहनिया के लिए शादी अटैंड करना दूभर. घोड़ी पर दूल्हा है तो फिर किसकी नयी औलाद सहबाला बनेगी, इसकी माथा-पच्ची करो. किसी के बच्चे को न बैठाओ तो मां-बाप को लगता है कि उनके बच्चे की क्यूटनेस को अनदेखा किया जा रहा.

2. बरात आगे बढ़वाओ कोई

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बरात में लोग कसम खाकर आते हैं कि जब तक क़यामत आ नहीं आएगी, तब तक नाचते ही रहेंगे. अमा 100 मीटर दूर बरात पहुंचने में सदियां गुज़र जाती हैं. औरतें घूंघट संभाल-संभाल कर शीला की जवानी पर गदर काटने को आमादा रहतीं. इस दौरान दूल्हा सोच-सोच कर किचकिचाता है कि ‘सालों मंडप तक पहुंचने में ही जवानी ख़र्च करा देना, सुहागरात की नौबत न आने देना.’

3. चकने का इंतज़ाम करो

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आधारी बरात तो अंदर पहुंचती ही नहीं. सारे नशेड़ी दोस्त और रिश्तेदार पार्किंग में ही मयखाना सजा लेते. कुछ तो इतने बड़े वाले होते हैं कि दूल्हे के कान में जाकर बोलते, ‘भाई, वेटर को बोल कर बाहर पनीर की सब्जी और मिक्स वेज भेज दो. और प्लीज़ पानी और चार-छह गिलास एक्स्ट्रा बोल देना.’

4. खाना पैक कर देना पड़ता है

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जी हां, कुछ ज़हर रिश्तेदार ऐसे होते हैं, जो सिर्फ़ खाने नहीं, बल्क़ि खाना पैक करवाने भी आते हैं. फिर उनको खाना देने के लिए घरवाले पन्नी ढूंढते घूमते हैं. आप मना कर दीजिए तो वो ख़ुद हलवाई के पास पन्नी लेकर पहुंच जाएंगे. और ग़लती से अगर प्लेट सिस्टम कर दिया तो भयंकर ताने सुनने को तैयार रहिए. ‘अरे बहुत रईस बनते हैं. बताइए, हमाए सांस-ससुर चल नहीं पाते तो का भूखे रहिएं. शादी में आने का फ़ायदा ही क्या, जब घर जाकर दोबारा रोटी ही सेके का पड़ी है.’

5. लिफ़ाफ़ों का हिसाब

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कर्म का फल ज़रूर मिलता है…’ ये भारतीय विचार भारतीय शादियों की ही देन है. जी हां, आप अगर 21 रुपया लिफ़ाफ़े में देकर आए हैं तो याद रखिए चित्रगुप्त महाराज ने वो व्यवहार किसी रजिस्टर में दर्ज कर लिया है. अब जब आपके घर शादी होगी तो 21 रुपया ही वापस मिलेगा. और जो लोग लिफ़ाफ़ा भी देना भूल गए हैं कि उनके नाम की सप्रेम गालियां तत्काल रजिस्टर में दर्ज हो जाती हैं.

6. बरातियों को वापस छुड़वाना, बचा खाना घर लेकर आना

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शादी में बरात ले जाने से ज़्यादा मुश्किल बरातियों को वापस लाना होता है. क्योकि कुछ बौड़म बराती बेमतलब सुबह तक बने रहते. काहे कि सुबह-सुबह नाश्ता जो चापना होता है. अब फिर वो आपका मुंह ताकेंगे कि उनको किसी तरह घर छुड़वाइए. अब लड़के वाले ये बवाल भी डाल देते हैं लड़की वालों पर. फिर दुल्हन का बेचारा भाई गले में गालियों का गरारा कर एक-एक बराती को रवाना करता है. उसके बाद भी उसकी ड्यूटी ख़त्म नहीं होती, क्योंकि, अभी तो बचा खाना घर पहुंचाना है. रायता फैला जा रहा, रसगुल्ले की चाशनी चू रही, शाही पनीर छलका जा रहा. और इन सबके बीच मासूम भाई बंधुआ मज़दूर की तरह बैठा रहता है.

7. किन्नरों से मोलभाव

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इधर दुल्हन रवाना होने को कार में बैठ रही होती है कि उधर किन्नर कार के आगे खड़े हो जाते. लाओ 1 लाख रुपया, तब ही जाने देंगे. इस मौक़े पर दुल्हन का बाप तूफ़ान की स्पीड से ग़ायब होता है. अब लड़के वालों का रोना शुरू होता है. मगर इतने में ही लड़की वालों की ओर से कोई महिला सामने आती है, जिसकी पहचान पता नहीं कैसे मगर किन्नरों से होती है. ‘अरे दीदी, तुम्हारी अपनी बिटिया है, घर अइयो तब देंगे न. अभी तो जाने दो.’ ऐसे मौक़े पर बेचारे किन्नर किलस कर रह जाते कि अच्छा-ख़ासा लड़के वालों को फंसा रहे थे और लड़की वाले मामला ख़राब कर दिए. मगर वो बेचारे भी लड़की की मां का मुंह देख कर 1000-500 रुपये में छोड़ देते हैं.

तो भईया… अब समझ आ गया ना कि फ़िल्मी शादियों जितनी हलवा नही हैं भारतीय शादियां, बड़ी माथा-पच्ची करनी पड़ती है.

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