मनुष्य के लिए मनोरंजन उतना ही आवश्यक है, जितना मछली के लिए पानी!(जी अतिश्योक्ति ही सही, पर सही तो कहा है.)

और हिन्दी सिनेमा के इतिहास में ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’ की जगह कोई नहीं ले सकता, ये सर्वविदित है. बैठे-बैठे क्या करते, करना था कुछ काम. तो हमने इस अजर-अमर फ़िल्म के कुछ चुनिंदा डायलॉग्स को शुद्ध हिन्दी में लिख दिया.

पढ़िए और परमानंद प्राप्त कीजिए: 

1. एतना बड़ा हो गई हो, अभी तक बियाह नहीं हुआ?

2. बाप का, दादा का, भाई का सबका बदला लेगा रे तेरा फैजल

3. बेटा तुमसे न हो पायेगा!

4. आड़ चाहे कितना भी बड़ा हो जाए लाड़ के नीचे ही रहता है.

5. इ वासेपुर है, यहां कबूतर भी एक पंख से उड़ता है और दूसरे से अपना इज्जत बचाता है.

6. बेटा, जैसे लोहा लोहे को काटता है, वैसे ही चूतिया चूतिए को मारेगा

7. हमला नाम पलपेंदीकुलल है. फैदल खान हमाले बड़े भाई हैं. औल हम आपका दुकान लूटने के लइ आएं हैं.

8. गांड में डाल लिए हो क्या चाबी साला सब?

9. अब तो सच बोल दे भोसड़ी के, नहीं तो तुमको मार के गाड़ देंगे हम

10. गोली नहीं मारेंगे साले को कह के लेंगे उसकी.

11. हिन्दुस्तान में जब तक सनिमा है, लोग चुतिया बनते रहेंगे

12. परमिसन लेना चाहिए न

13. इ का बवासीर बना दिए हो, मारते हैं कसाई मोहल्ला जाता है कलकत्ता

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