आप सोच रहे होंगे कि वर्तमान में बेरोज़गारी देश के लिए बड़ी समस्या है, बाद में धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा, अच्छे दिन आएंगे. लेकिन UNICEF की एक रिपोर्ट आई है कि भविष्य यानी साल 2030 में भी बेरोज़गारी देश के लिए बड़ी समस्या बनी रहेगी और ये वाली UNICEF की रिपोर्ट WhatsApp University से छप कर नहीं आई है. 

रिपोर्ट दक्षिण एशिया के देशों के बारे में है लेकिन हम भारत की बात करेंगे और पाकिस्तान की भी क्योंकि वहां की स्थिति और बेकार है और हमे ये जान कर फ़ील गुड होता है. भारतीयों को यही चाहिए, अपने जितने भी बुरे दिन चल रहे हों वो पाकिस्तानियों से अच्छे होने चाहिए. 

रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक लगभग 50 प्रतिशत भारतीय युवाओं के पास ढंग काम करने लायक स्किल्स नहीं होंगी. 53% बच्चे स्कूल की पढ़ाई 12वीं पढ़ने से पहले बिना किसी स्किल सीखे छोड़ देंगे. पाकिस्तानियों में ये प्रतिशत 60 होगी, यानी हमसे भी ख़राब. 

ख़ैर निराश होने वाली बात नहीं है. UNICEF की यह रिपोर्ट स्कूल शिक्षा पर आधारित है और उन्हें लगता है कि हमारे यहां के बच्चे स्कूल में Skills पाते हैं. अजी! ऐसा कभी हुआ ही नहीं जो आगे होने की बात भी कि जाए. भला ‘जुगाड़’ किसी स्कूल में सिखाया जा सका है, ये तो हमारी प्राकृतिक प्रतिभा है. जुगाड़ से देश संभाल रहे हैं, भविष्य भी संभाल लेंगे. 

ऊपर से UNICEF के हमारे यहां के रोज़गार पैटर्न का कुछ पता ही नहीं है. राजनैतिक पार्टियों की IT Cell अभी बंपर रोज़गार बरसा रही है, जब मंदिर बनेगा तब भी युवकों की और उनके Skills की ज़रूरत पड़ेगी और बात सिर्फ़ एक मंदिर की नहीं हो रही है, एक बन जाए तो जगह-जगह बनेंगे. मीडिया हाउस के बाहर खड़े पकौड़े के ठेले UNICEF रोज़गार मानता ही नहीं है, लेकिन हम तो मानते हैं और बाकियों को भी मानना पड़ेगा. 

कहानी का सार यही है कि UNICEF की बातों में आने और समझने की ज़रूरत नहीं है. नौकरी के लिए Skill की नहीं खिलाने लायक घूंस और ऊपर तक पहुंच की ज़रूरत पड़ती है. स्किल जुटाने से ज़्यादा पहुंच बनाने में ज़ोर लगाओ फिर देखते हैं नौकरी कैसे नहीं मिलती, रही बात डिग्री की तो उसका इंतज़ाम भी कर ही लोगे.