अक्की पाजी, खिलाड़ी कुमार, राजीव भाटिया या अक्षय कुमार जो कहना है कह लो… आज इनका बर्थ डे है. इंडस्ट्री के बड़े सीनियर आर्टिस्ट हैं, दर्शकों का बड़ा प्यार मिलता है, मेरे भी पसंदीदा हैं. इन सबके बावजूद जो रिवाज़ है सो है, बर्थ डे बंप्स तो पड़ेंगे. आप फ़ैन हैं तो बुरा न मानिएगा, आगे आपकी भावनाएं आहत हो सकती हैं.  

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सबसे पहले तो बोलना है कि अक्की भाई आप सुपर स्टार हैं, वैसे ही बीहेव किया करें. ये क्या सुबह 5 बजे उठ कर इधर-उधर भागने लग जाते हैं. साथी कलाकार की छोड़िए मुहल्ले के कुत्ते तक आपसे परेशान हैं, कितनी बार चोर समझकर एक्स्ट्रा तेज़ दौड़ा दिया है, आखिर में कुत्तों को ही थक कर रुकना पड़ा, आप तो थकते नहीं. उधर रामदेव बाबा भी आपसे ख़ौफ़ खाए बैठे हैं, उनको लगता है कि अक्षय इतनी सुबह उठ जाता है. सुबह-सुबह पार्क में आ कर लोगों को योगा न सिखाने लग जाए! मेरा धंधा भी खा जाएगा.

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औसतन अक्षय साल में 3-4 फ़िल्में छाप ही लेते हैं, काफ़ी व्यस्त रहते हैं. फ़िल्मों से मौक़ा मिलता है तो विज्ञापनों की शूटिंग, उससे जान छूटी तो अवॉर्ड शो वाले पकड़ ले जाते हैं. फिर दोस्ती यारी में कभी फ़लाने के टीवी शो में तो कभी ढिमकाने के टॉक शो में… बंदा सांस ले रहा होता है कि प्रधानमंत्री जी का फ़ोन आ जाता है कि माननीय देश को बताना चाहते हैं कि वो आम कैसे खाते हैं, आ कर पूछ लो.  

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इन दिनों सोशल मीडिया पर अक्षय कुमार को लेकर बड़े सारे जोक्स चलते हैं. उनमें से एक है थोक के भाव से देशभक्ति और सामाजिक मुद्दे वाली फ़िल्म बनाना. मिशन मंगल, एयरलिफ़्ट, पैडमैन, टॉयलेट एक प्रेम कथा, बेबी, नाम शबाना, रुस्तम, केसरी आदि वो फ़िल्में हैं जिनमें अक्षय कुमार मौजूद थे. लोग बाग कहने लगे हैं कि देश अच्छा काम ही इसलिए कर रहा है ताकि अक्षय कुमार को अगली स्क्रिप्ट मिल जाए. इस फ़िल्ड में दो और कलाकार हैं जो अक्षय को टक्कर देने को कोशिश कर रहे हैं, जॉन अब्राह्म और विक्की कौशल.  

बॉलीवुड के अलावा अक्षय कुमार सोशल मीडिया मीम इंडस्ट्री के भी कर्ताधर्ता हैं. शायद ही किसी एक्टर के ऊपर इतने मीम टैंपलेंट बने होंगे. सिर्फ़ हेरा फेरी सीरिज़ से न जाने कितने मीम वायरल हो चुके हैं. सच बताऊं तो अक्षय कुमार फ़िल्मों में उतने अच्छे नहीं लगते जितने अच्छे वो मीम्स में लगते हैं.  

कुछ झुलसे हुए लोग अक्की भाई की नागरिकता पर सवाल उठाते हैं कि वो भारत के हैं ही नहीं, खाली-पीली देशभक्ति पर ताव देते रहते हैं और डोनेशन देते हैं ताकी उनकी कनेडियन सिटिज़नशिप वाली बात ज़्यादा चर्चा में न आए. बेवकूफ़ लोग! अगला समय समय पर टैक्स भर रहा है, अच्छी-अच्छी फ़िल्में दे रहा है ऊपर से सोशल सर्विस कर रहा, इतना करता रहे, चाहे किसी देश में रहे. बस एक सवाल है, ख़ुदा न ख़ास्ता कभी भारत और कनाडा आपस में लड़ जाते हैं तो अक्की पाजी किसकी साइड खड़े रहेंगे! अपने देश(कनाडा) के साइड या वहां जहां उनकी दुकान चलती है?