Holi Funny Shayari: फगुआ में बबुआ होली भी खेलेगा और गुझिया-पापड़ भी पेलेगा. फिर चाहें पेट में लूज़ मोशन की सुनामी आ जाए या चेहरे पे साबुदाने के पापड़ जैसन दाने निकल आएं. मगर लौंडा ‘रंग बरसे’ गाना नहीं छोड़ेगा. अब क्या कीजिएगा, होली का त्योहार ही फुल रंगबाज़ी का होता है. (Happy Holi)

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मतलब जितना बवाल काटना है, काट लो. क्योंकि, ‘बुरा न मानो होली है’ वाला रामबाण फ़ॉर्मूला हमारे जैसों के लिए बहुत पहले ईज़ात हो गया था. तो बस होली पर पूरे टाइम हमारा थूथन ‘बोलो सारा रारा…’ के मोड पर हिलता रहता है. मगर सवाल ये है कि हम होली पर इत्ती मुंहपेलई काहे कर रहे? (Festival of Colours)

अजी माहौल सेट कर हैं जनाब, “शायराना माहौल”. काहे कि आपने अब तक क़ातिलाना शेर तो ख़ूब सुनेंगे, मगर जाहिलाना शेर हम परोसेंगे. आप चाहें तो इन्हें फ़टीचर शेरों की कैटेगरी में बाइज्ज़त जगह दे सकते हैं. बस ध्यान रहे, हमारी ये महा वाहियात शायरियां आपको भांग से भी ज़्यादा बौराने पर मजबूर कर सकती हैं! और हां, कोई इरशाद नहीं बोलेगा, पिछली होली पर ससुरा हमारा एक क्वाटर लेकर भाग गया था…

तो चलिए पढ़ा जाए होली के इस विशेष अवसर पर हमारी बौड़म बुद्धि से निकले कुछ चुनिंदा शेर- Holi Funny Shayari

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अगर शेर ज़्यादा दिमाग़ पर चढ़ गए हों तो नींबू चाट लो, थोड़ा नशा कम को जाएगा!

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