घर के एक कमरे में आपने बेड पर बैठी दादी को अकसर माला फेरते हुए और भगवान का नाम जपते हुए देखा होगा. सोचिये अगर यही दादी एडवेंचर और फ़ोटोग्राफ़ी की शौक़ीन हो तो कैसा रहेगा! हालांकि ऐसा सोचना मुमकिन-सा नहीं लगता, पर आज हम आपको एक ऐसी ही दादी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हर मामले में आज के बच्चों को पीछे छोड़ कर फ़ोटोग्राफ़ी की रेस में आगे निकल चुकी है.

जापान की रहने वाली 89 वर्षीय Kimiko Nishimo को इन दिनों अपनी पुरानी फ़ोटोज़ को सुंदर बनाने का शौक चढ़ा हुआ है, पर 17 साल पहले तक वो इसके बारे में सोच भी नहीं सकती थीं. 72 साल की उम्र में Kimiko ने अपने बेटे से फ़ोटोग्राफ़ी के बारे में शुरुआती गुर सीखे. इसके बाद लोगों ने एक नई Kimiko को देखा, जो फ़ोटोग्राफ़ी के चक्कर में कुछ इस तरह पड़ी कि उसने जल्दी ही इससे जुड़ी बातें सीख डाली. Kimiko ने पहला फ़ोटोग्राफ़ी एग्ज़ीबिशन 10 साल पहले Kumamoto के एक म्यूज़ियम में लगाई थी. अब Kimiko अपनी दूसरी एग्ज़ीबिशन की तैयारी में जुटी हुई हैं, जिसका नाम Asobokane है. Asobokane का इंग्लिश में मतलब ‘Let’s Play’ होता है. उनका ये एग्ज़ीबिशन दिसंबर के से शुरू हो कर जनवरी के मध्य तक चलने वाला है. आज हम आपके लिए उनके इसी एग्ज़ीबिशन से कुछ तस्वीरें ले कर आये हैं, जिन्हें देखकर आप भी कहेंगे, ‘दादी तेरा जवाब नहीं!’

एक बार मेरे हाथ खोल कातिया.

आजा मेरी साइकिल पर बैठ जा.

दादी, स्माइल प्लीज़.

अब जलेगी दिमाग़ की बत्ती.

दो घूंट पिला दे साक़िया, बाकी मेरे पर छोड़ दे.

फ्रॉगी ग्रैंडमा.

स्टंट मैन दादी.

श्श्श… कोई है…

हम किसी से कम नहीं!

कोई इस गरीब के बारे में भी सोच लो.

Please Don’t Try This At Home.

अच्छा, तो हम चलते हैं.

सुनो! दादी फुल फ़ॉर्म में हैं.