ट्रैफ़िक रूल अपनी जगह सही हैं लेकिन भारत की सड़कों पर गाड़ियां सिर्फ़ उनके भरोसे नहीं चलतीं. लोगों ने अपने नियम बना लिए हैं जो कहीं नहीं लिखे गए हैं, लेकिन सब उनको जानते और मानते हैं. इनमें से कुछ असल ट्रैफ़िक के नियमों के ख़िलाफ़ भी हैं, लेकिन परवाह किसे है.
विभन्नता में एकता वाला ये देश इस मासले में भी एक है, ये जुगाड़ु ट्रैफ़िक नियम पूरे भारत में लागू हैं.
1. ऑटो रिक्शा के ठीक पीछे न चलें

आप आराम से अपनी रफ़्तार से चल रहे होंगे, तभी आपके सामने चल रहा ऑटो बिना किसी अग्रिम सुचना के कट मार लेगा. आप अचानक से टकराने से बचने के कोशिश करेंगे और किसी और से भिड़ जाएंगे और फिर बीच सड़क पर आपकी लड़ाई होगी और आगे चल रहा ऑटो वाला सवारी उठा कर कहीं और जा चुका होगा.
2. बस की लेन में बस नहीं चलती

कई शहरों में बसों के लिए एक ख़ास लेन बनाई गई है, ताकि बस बिना किसी रोक-टोक के इतमिनान से चलें. लेकिन आप इस लेन में बस के अलावा सभी किस्म के वाहनों को चलता देख सकते हैं.
3. जलता इंडिकेटर क्या कहता है?

वैसे तो इसका उपयोग अन्य चालकों को ये संकेत देना है कि आप निश्चित दिशा में टर्न लेने वाले हैं लेकिन भारत में ये ज़रूरी नहीं. हो सकता सामने जा रहा बाइक वाला चालू फ़ैशन के हिसाब से दोनों इंडिकेटर जला कर दिवाली मना रहा हो.
4. पीली बत्ती का मतलब

ट्रैफ़िक सिग्नल की पीली बत्ती का काम ये बताना है कि आप गाड़ी की गति धीमी कर दें और लाल बत्ती पर रुकने के लिए तैयार हो जाएं. किंतु यहां पीली बत्ती को चैलेंज के तौर पर देखा जाता है, हरी से पीली होते ही लोगों की गाड़ी की स्पीड और बढ़ जाती है लाल होने से पहले सिग्नल क्रॉस कर जाने का चैलेंज जो होता है.
5. No Parking लिखने की ग़लती न करें

अगर जो आपने अपने गेट के सामने लिख दिया की यहां गाड़ी न खड़ी करें, तो आपने अगले के दिमाग़ में ये आईडिया डाल दिया कि यहां गाड़ी खड़ी करने की पर्याप्त जगह है, यहीं पार्क करो.
6. Bikers: Mah Bike Mah Rulezzz…

बाइकर्स को लगता है कि उनके ऊपर किसी प्रकार का ट्रैफ़िक रूल लागू नहीं होता सिवाये हेलमेट पहन कर चलाने का.
7. आने दो, अभी भीतर जगह है

बस ही क्यों शेयरिंग ऑटो भी तब तक ओवरलोड नहीं समझे जाते, जब तक ड्रावर की सीट पर चार लोग न बैठ जाएं.
8. पैदल लोग Mr. India होते हैं

सड़क पर पैदल चलने वाला हर इंसान Mr. India है, गाड़ी वाले उसे नहीं देख सकते लेकिन ऐसा नहीं है कि वो गायब है, बस दिख नहीं रहा. इसलिए गाड़ी के नीचे आने से बचने के लिए उसे ख़ुद ही सतर्क रहना पड़ता है क्योंकि अगला तो आपको देख ही नहीं सकता न!
बात सही ग़लत की नहीं है, देश की सड़कें ऐसे ही चलती हैं, हमने सिर्फ़ उसे लिख दिया जो हो रहा है.