बारिश का मौसम आ गया!
अब ‘तो मैं नाचूं’ मत बोलना. नाचना न नाचना तो जी आपकी मर्ज़ी है. खिड़की के पास या बालकनी में बैठकर चाय-पकौड़े के मज़े लेना.
ओ हो हो! लेकिन हर किसी को नहीं आता यहां मज़ा बारिश में! बारिश यानी कि बेवक़्त बिजली जी का ग़ायब हो जाना. सड़क का ग़ायब हो जाना. कपड़े न सूखना और सूख भी गये तो अजीब सी बदबू आना… वगैरह वगैरह
तो जी हमने बना डाले हैं कुछ मीम्स जिनसे बारिश को दिल की गहराई से नापसंब करने वाले रिलेट करेंगे-




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कोई नहीं जी, मौसम ही है. आज है कल चला जायेगा. चिल करो और कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया छाप दो.
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