हिंदी, बहुत से लोगों की बहुत ज़्यादा खराब होती है, और बहुत से लोगों की बहुत ज़्यादा अच्छी. मात्र हिंदी दिवस पर हिंदी की जय बोलने वालों को हिंदी माफ़ नहीं करेगी. हमने आज हिंदी को थोड़ा सा कूल-शूल बनाने का काम करने की कोशिश की है. प्लीज़ दिल पे मत लेना. हिंदी बदली है, बदलती रहेगी. ये हिंदी आज की है. जो लोग जमाने के थोड़ा-बहुत साथ चल रहे हैं, वो आसानी से इसे समझ जायेंगे. बाकी जो जमाने से पीछे या आगे हैं, वो चलते रहें. 

यहां पेश है आज की हिंदी की वर्णमाला.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अगर आप भी इसमें कुछ जोड़ना-घटाना चाहते हैं तो क से कॉमेंट करें.