पूरे चुनाव में नेता जी लोग जनता से हज़ारों वादे किए घूमते हैं. नामुमकिन की तो छोड़िए उन वादों को भी नहीं पूरा करते, जिन्हें पूरा करना उनके एक फ़ोन कॉल का काम है. इस वादाख़िलाफ़ी से जनता पर क्या बीतती है, वो नेती जी लोग नहीं समझते. लेकिन एक को समझ आ गया होगा, जब उनके बेटे ने ऑनलाइन महंगा फ़ोन ऑर्डर किया था, पैकेट खोलने पर निकला सस्ता फ़ोन और उसके भीतर रखा था- पत्थर. 

पश्चिम बंगाल के मालदा नॉर्थ से भाजपा के सांसद खागेन मुर्मू ने दावा किया है कि उनके बेटे ने अमेज़न से सैमसंग का फ़ोन ऑर्डर किया था लेकिन उसे Redmi 5A का डब्बा दिया गया और उसके भीतर भी फ़ोन नहीं पत्थर रखा हुआ था. सासंद महोदय ने इस बात की शिकायत करने के लिए मीडिया को बुला लिया. जबकी ऐसे मामले कस्टमर केयर से बात कर के सुलझ जाते हैं. 

नेता जी को उस जनता के बारे में भी सोचना चाहिए, जो उन्हें नौकरी, सड़क, शिक्षा के लिए वोट देती है और बदले में उसे ढंग की पगडंडी, WhatsApp Forward और पकौड़ा का ठेला भी नहीं देते. जनता के साथ ये दिक्कत भी है कि वो मीडिया से बुला कर उनकी शिकायत भी नहीं कर सकती और न ही उनके लिए कोई कस्टमर केयर बना है. 

नेती जी को अमेज़न का शुक्रगुज़ार होना चाहिए कि उनके बेटे को कुछ तो मिला, चाहे पत्थर ही सही. कई मौकों पर तो जनता अपना भी छिन जाता है, उदाहरण के लिए नोटबंदी और बैंक का दिवालिया होना याद होगा. 

इस मौके पर लोगों ने भी नेता जी की ख़ुब मौज़ ली, कुछ लोगों ने उन्हें पत्थर के फ़ायदे भी बताएं. 

मैं तो कह रहा हूं कि नेता जी पत्थर को रख लें, अगले चुनावी रैली में ये बताने में काम आएगी कि विपक्ष उनके ख़िलाफ़ साजिशें रचता है.