भारत में राफ़ेल आ गया. हर तरफ़ यही चर्चा है. टीवी न्यूज़ चैनलों ने इतनी तारीफ़ें कर डाली हैं कि फ़्रांस वाले कन्फ़्यूज़ हुए जा रहे कि उन्होंने ये सब सुविधाएं इस विमान में कब लगा दीं.   

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ख़ैर, इधर फ़्रांस निर्मित राफ़ेल आया और उधर हमने भी अपना राफ़ेल तैयार कर लिया. अरे सच्ची-मुच्ची. एकदम क़सम से भाई. फ़्रांस वाला राफ़ेल देश की शान है तो हमारा वाला ज़ुबान की जान. एक से ख़ूनम-खून की तैयारी होगी तो दूसरे से लालम-लाल की.   

जी हां, आत्मनिर्भरता की तरफ़ मुंह करते ही हमें ईनाम भी मिल गया. हमने राफ़ेल बना डाला, बस फ़र्क इतना है कि हमारा वाला उड़ाया नहीं जाएगा, थूका जाएगा. अजी, ससुरों ने गुटखा जो बना लिया हैं और नाम रख दीहिन है ‘राफ़ेल’… ये देखो…  

मतलब मार्केटिंग स्ट्रेटजी तो देख बे. ग़ज़ब आदमी है. इसे देखकर तो सोशल मीडिया का मुंह भी खुला का खुला रह गया है. लोग कुछ यूं रिएक्ट कर रहे हैं.