कोरोना महामारी की जितनी बेइज़्ज़ती भारतीय उपमहाद्वीप में हुई है, उतनी कहीं भी नहीं हुई. वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है लेकिन यहां अपनी इज़्ज़त उतरवा रहा है. हर रोज़ इस मासूम महामारी के साथ कलाकारी जारी है. कभी इसे ‘अल्लाह मियां’ का क़हर बताया जा रहा तो कभी ‘कोरोना देवी’ की नाराज़गी. कोरोना बेचारे को कोई सीधे क्रेडिट देना ही नहीं चाहता.   

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ऊपर से पाकिस्तानियों ने तो कोरोना को एकदम एलट-बैलट ही समझ लिया है. अमा हां, मतलब बिल्कुल लौंडा ही समझ रहे हैं. भारत में ‘गो कोरोना गो’ के बाद अब पाकिस्तान में ‘सो कोरोना सो’ चल रहा. पाकिस्तान के एक मौलवी कम नेता जी का मानना है कि जितना ज़्यादा हम सोएंगे उतना ही वायरस भी सोएगा.   

Times Now की रिपोर्ट के मुताबिक़, दो दशक तक पाकिस्तान नेशनल असेंबली के सदस्य रह चुके मौलाना फ़ज़ल-उर-रहमान ने कहा, ‘हमारे डॉक्टर हमेशा हमें ज़्यादा सोने का सुझाव देते हैं. जितना ज़्यादा हम सोएंगे उतना ही वायरस भी सोएगा. ये हमें नुक़सान नहीं पहुंचाएगा. जब हम सोते हैं तो ये सो जाता है, जब हम मरते हैं तो ये मर जाता है.’  

फ़र्जी सूत्रों की मानें तो ये सुनने के बाद पूरा कोरोना परिवार सदमे में चला गया है. उन्हें भी नहीं पता था कि उन्होंने अपने बच्चे कोविड-19 को इतने उच्च संस्कार दिए हैं कि वो किसी को सोते में डिस्टर्ब नहीं करेगा. वहीं, इस घटना के बाद साइंस की हालत पाकिस्तान में काफ़ी सीरियस बताई जा रही है. सुनने में आ रहा है कि उसे सांस लेने में भारी तकलीफ़ है. कभी भी मौत की सूचना सार्वजनिक हो सकती है.  

बता दें, मौलाना का ये वीडियो पाकिस्तान की पत्रकार नायला इनायत ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है, जिसके बाद ये तगड़े से वायरल हो रहा है.   

वीडियो देखने के बाद लोगों ने अपना माथा दीवार पे दे मारा है. वहीं, सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ ट्वीट गिर रहे हैं.   

हालांकि, इस तरह के बयान बेहत ख़तरनाक हैं, क्योंकि ये लोग राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही रूपों में लाख़ों लोगों पर प्रभाव रखते हैं. ऐसे में ग़लत जानकारी देना एक तरह से लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करना ही है.