बस, ट्रेन, प्लेन, मेट्रो और हां, फटफट (टैम्पो) में जो सवारियां आती-जाती हैं न, कम्बख़्त उनमें से कुछ इतनी लफुझंगा होती हैं कि मूड खराब हो जाता है. इनकी हरकतें हां, हां… हरकतें जो सिर्फ़ और सिर्फ़ यही कर सकते हैं. कभी उचककर बार-बार आपके चेहरे के आगे आकर ये देखेंगे कि कहां पहुंच गए? खिड़की पर अपना तौलिया या फ़िर कोई कपड़ा सुखा देंगे जो आपके मुंह को गीला करने की भरपूर कोशिश करता है अगर आप ठीक खिड़की की सीट से सटे बैठे हैं तो. इतना ही नहीं, इनके फ़ोन का नेटवर्क हमेशा निचले स्तर पर रहता है… बोलूं तो एक ही डंडा आता है उसका. तभी तो इतना चिल्ला-चिल्ला के बात करते हैं कि दूसरे कोच में बैठे बंदे को समझ आ जाए कि जनाब किस से बतिया रहे हैं. और कुछ तो इतने पकाऊ होते हैं कि जबरदस्ती बकैती करने की कोशिश करते हैं. इन्हीं के बीच से कुछ आपके फोन में चल रही हर प्रक्रिया का सटीक निरीक्षण करते हैं और बीच-बीच में अपनी सलाह ज़रूर पेल देते हैं. बस… बस लगता है आज ही सारा गुस्सा लपेड़ दूंगा. ये नमूने हैं, या फ़िर दूसरों का सिर खपाने वाले सभ्य या असभ्य यात्री, ये आप ही तय कर लीजिए. खैर देखिए न इनकी तस्वीरें जो हंसाऊ हैं… और पकाऊ भी!

1. यहां इंसान ही बैठे थे न?

2. पैसा दिया है, पूरा वसूल करूंगा!

3. ये आपत्तिजनक तस्वीर प्लेन में ही ली गई है, पता नहीं जनाब, कर क्या रहे थे?

4. इसे कहते हैं, भंड होकर सोना.

5. कृपया अपने पैरों को अपने पास ही रखें!

6. काम का काम और…

7. प्लेन में भी कोई ऐसी हरकत कर सकता है… ये कुछ और नहीं शुशु है.

8. मेरे ख्याल से प्लेन में इतनी गर्मी तो नहीं होती कि आप कपड़ों को ऊपर चढ़ा लें.

9. आखिर करना क्या चाहते हैं?

10. आईला… ऐसे नाखून पहली बार देखे.

11. नींद में अकसर आदमी यही सोचता है कि वो अपने कमरे में है.

12. कीमती सामान की मुकम्मल जगह.

13. प्लेन है या कपड़े सुखाने की जगह?

14. यहां भी ज़रूरत है, स्वच्छता अभियान चलाने की.

15. टैटू दिखाने के चक्कर में पैंट ही उतार दी.

16. ओ तेरी!