जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, हर घटना का कुछ फ़ायदा-नुकसान होता है. वैसे ही ज्वाईंट फ़ैमली के भी कुछ लाभ और हानी हैं. ये आप पर आपके रिश्तों के समीकरण पर निर्भर करता है कि आप फ़ायदे में हैं या नुकसान में.

हमने एक छोटी से कोशिश की है इस समीकरण को समझने की. कब ज्वाइंट फ़ैमली में रहना मज़ा लगता है, और कब-कब सज़ा.

मामला ज़्यादा गंभीरता वाला नहीं है, इसलिए ज़्यादा सीरियस होने की ज़रूरत नहीं है.

ये बताने की ज़रूरत तो नहीं है कि इसमें आपको अपने परिवार के सभी सदस्यों को टैग करना चाहिए, आप ख़ुद समझदार हैं.

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