14 मार्च! इस तारीख़ को ध्यान में रख लीजिए, ये तारीख़ विज्ञान के लिए अहम है. आज के दिन दो ऐसे महापुरुषों का जन्म हुआ था, जिन्होंने विज्ञान की दशा-दिशा को बदल कर रख दिया, जिनका नाम लिए बिना कोई भी वैज्ञानिक बात पूरी नहीं होती. 

सर अल्बर्ट आइंस्टीन और रोहित शेट्टी, आज ही के दिन अलग-अलग सालों में पैदा हुए थे. पहले एक ने विज्ञान के नए-नए नियम बनाए, और दूसरे ने उनकी धज्जियां उड़ाईं. एक ने लोगों के होश उड़ाए , दूसरे ने गाड़ियां. 

सर अल्बर्ट आइंस्टीन ने दुनिया को E=MC2 का फ़़र्मुला दिया तो विज्ञान की कई समस्याएं सुलझ गईं और हमारे रोहित शेट्टी ने बताया कि जब दो स्कॉर्पियो को आपस में लड़ाते हैं, तो वो गुर्त्वाकर्षण बल पृथ्वी छोड़ देती है. 

अपने काम के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन को नोबेल प्राइज़ मिला विज्ञान को उन पर फ़क्र है. वहीं रोहित शेट्टी ने अपनी फ़िल्मों से ऐसे लोगों से पैसे कमाएं जिनकी फ़िल्में उनके परिवार वाले भी नहीं देखते. किस डायरेक्टर में इतनी हिम्मत है जो तुषार कपूर, श्रेयस तलपड़े, कुणाल खेमू को फ़िल्म में लेकर 100 करोड़ कमा ले, इसके लिए रोहित शेट्टी को अर्थशास्त्र का नोबेल मिलना चाहिए. 

आपने विज्ञान की क्लास में पढ़ा होगा कि ऊर्जा कभी नष्ट नहीं होती, ये सिर्फ़ एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होती जाती है. रोहित शेट्टी ने इस सिद्धांत को विज्ञान से उठा कर फ़िल्मों में लगा दिया और सिद्धांत बनाया कि अच्छी कहानियां कभी बोरिंग नही होतीं, उन्हें सिर्फ़ दक्षिण भारत की भाषाओं से हिन्दी में ट्रांसलेट कर दिया जाता है. 

रोहित शेट्टी का भौतिकी के अन्य सिद्धांत से भी गहरा नाता है. न्यूटन ने बताया कि प्रत्येक क्रिया की समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है. रोहित शेट्टी ने इसका अगला वर्ज़न निकाला है, हीरो अगर 5N के फ़ोर्स से गुंडे को मारेगा, तो गुंडा 15n के फ़ोर्स से दो टप्पा खा कर गिरेगा. 

आज के दिन सर अल्बर्ट आइन्सटीन और रोहित शेट्टी की जितनी बात की जाए कम है, इसलिए आगे की बातचीत अगले बर्थडे पर होगी.