प्रज्ञा ठाकुर इज़ बैक. लंबा वक़्त गुज़र गया था, मीडिया उन्हें भूल ही गई थी. उनके बयान न आने से एक खालीपन बनता जा रहा था. आज उन्होंने मीडिया की सारी नाराज़गी दूर कर दी. 

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पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के लिए आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा में भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि हाल में जितने भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का देहांत हुआ उसमें विपक्ष का हाथ हो सकता है. विपक्ष इस काम के लिए किसी प्रकार की ‘मारक शक्ति’ का प्रयोग कर रहा है. 

ऐसा नहीं है कि साध्वी प्रज्ञा ने कोई अनुमान लगाया है या आशंका जताई है. भाजपा के नेताओं के साथ ऐसा होगा, इसकी जानकारी उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान किसी महराज जी ने दे दी थी. प्रज्ञा की ग़लती जो चुनावी व्यस्तता की वजह से वह इस ओर ध्यान न दे सकीं. वक़्त रहते उन्होंने सही कदम उठा लिया होता या इस सूचना को ऊपर तक पहुंचा दिया होता तो आज हम कुछ और बात कर रहे होते. 

साध्वी प्रज्ञा के बयान को हल्के में लेने की ज़रूरत नहीं है. इसे उन्होंने पूरी गंभीरता के साथ कहा है, वो चाहतीं तो किसी सोशल मीडिया पोस्ट या WhatsApp के मैसेज की तरह इन देहांत को AIIMS फिर नेहरु और आख़िर में पाकिस्तान से जोड़ सकती थीं. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि ये कोई मज़ाक की विषय नहीं है. 

अगर साध्वी प्रज्ञा की बात में ज़रा भी सच्चाई है तो भारत सरकार को जल्द से जल्द दो टीम गठित करनी चाहिए. एक उस विपक्ष को नेता को ढूंढे जो इस अनट्रेसेबल ‘मारक शक्ति’ का इस्तेमाल कर रहा है और दूसरी टीम उन महराज जी की तलाश में निकले, जिन्हें ये पहले से ज्ञात था कि विपक्ष ऐसा कुछ करेगा. 

धीरे-धीरे सभी देश न्यूक्लियर शक्ती बनते जा रहे हैं. ऐसे में अगर भारत को विश्व में अपना दब-दबा बनाना है तो हमें उन तकनीकों पर काम करना होगा, जिसे हम भूल गए हैं. 

महराज जी हमें ये बता देंगे कि कौनसा देश हमारे ख़िलाफ़ खड़ा होने वाला है और विपक्ष का नेता अपने मारक शक्ति से उस देश की सत्ता बिगाड़ कर रख देगा. प्रज्ञा ठाकुर जैसे सांसदों के हाथ में हमारा कल सुरक्षित है!