सोमवार, सप्ताह का सबसे बदनाम दिन. जिसका ज़िक्र आते ही रूह कांप जाती है. नौकरीपेशा लोग गुरुवार से ही शनिवार और रविवार आने की ख़ुशी मनाने लगते हैं और शनिवार का पहला घंटा बीतते ही सोमवार का ख़ौफ़ सताने लगता है. आख़िर क्यों है सोमवार का ख़ौफ़?
आओ कभी बैठो किसी इतवार को..!
— pranjul sharma (@_crystalsand) September 23, 2019
मैं वैसा नहीं हूं, जैसा मिलता हूं सोमवार को!!#mondayblues #mondaymotivation #SundayThoughts
शास्त्रों के अनुसार पहले ऐसा नहीं था, लोग सोमवार को भी ख़ुश रहा करते थे, सप्ताह के सभी दिनों में भाईचारा हुआ करता था. न ‘मंगल’ ‘गुरुवार’ से जलता था, न ‘रविवार’ ख़ुद को ‘बुधवार’ से बड़ा समझता था. फिर एक दिन ऐसा हुआ कि ‘महीनों’ के कबीले में बगावत छिड़ गई. लोगों का चहेता बनने के लिए ‘फ़रवरी’ ने अपने ‘दिन’ कम कर दिए, अब फ़रवरी मात्र 28 दिनों का था लेकिन लोगों को वेतन 30 दिन के मिलते थे. इसे देख ‘सप्ताह’ के कबीले में भी कानाफ़ूसी शुरू हुई, ‘रविवार’ की महत्वकांक्षाएं जागीं. उसने शनिवार के साथ गुट बना कर ख़ुद को ‘वीक ऑफ़’ घोषित कर दिया. ‘सोमवार’ घर का बड़ा था उसे लगा कि सभी ‘दिन’ बग़ावत पर उतर आएंगे. इसलिए वो आगे आ कर ज़हर का घूंट पीना मंज़ूर किया और ‘नीलकंठ’ की तरह #MondayBlue बना. बाद में समझौता हुआ तो शनिावार और रविवार के हिस्से में ‘वीकेंड पार्टी’ के अलावा कपड़े धोने और घर की सफ़ाई का काम भी सौंपा गया. True Story!
Going to office on a Monday #Mondayblues pic.twitter.com/ARn2c79KEf
— Atul (@atul_arvind) September 23, 2019
अब ज़माना पहले जैसा नहीं रहा. Work From Home की प्रथा शुरू हो चुकी है, ‘वीक ऑफ़’ के दिन बदलने लगे, ‘वीक एंड’ की कुप्रथा धीरे-धीरे मिटने लगी. बावजूद इसके ‘सोमवार’ के ऊपर लगा ठप्पा नहीं हटा. लोग आज भी उसके साथ भेदभाव करते हैं, उसे वो सम्मान नहीं देते, जिसका वो हक़दार है. ‘सोमवार’ आज भी लोगों के लिए क्या कुछ नहीं करता, किसी को जिम ज्वाइन करना होता है तो ‘सोमवार’ ही उसे मोटिवेट करता है. ‘शुक्रवार’ से लेकर ‘रविवार’ तक के बकाये काम ‘सोमवार’ के सिर पर ही पड़ते हैं, फिर भी वो बिना कुछ बोले अपना काम करता जाता है.
Well Monday is back around and the weekend never seems long enough 😴 but at least it’s a 4 day week #MondayMorning #Mondayblues pic.twitter.com/GG09hqx4iW
— Sean Greatholder (@seang290786) September 23, 2019
ऐसा भी होता कि आप ‘शनिवार’ और ‘रविवार’ को मचा डालते हैं इसलिए ‘सोमवार’ आपको पसंद नहीं. दोनों दिन बिस्तर पर चादर जैसे बिछे रहते हैं और छिपकली को इस दीवार से उस दीवार जाते देखने में अपना दिन निकाल लेते हैं. फिर अगले दिन काम पर जाने में नानी मरती है और इंस्टा पर बुरी शक्ल के साथ #MondayBlues लगाते हैं, आपका #WeekendDead था, लोग ये क्यों नहीं बताते.