दिल्ली में रहने के कई फ़ायदे हैं, आपको अच्छा ट्रांसपोर्ट मिल जाता है…स्कूल हैं, कॉलेज हैं, नौकरियां हैं… तरह तरह की सुविधाएं हैं. लेकिन इन सबसे पहले एक परेशानी है… अगर आप यहीं पैदा हुए हैं… मां-बाप ने देश की राजधानी में ही संभोग सुख प्राप्त किया था, तो आपकी किस्मत में राज सुख भोगना लिखा है. शनी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता, राहु-केतु को तो आप ‘दिल्ली से हूं पैंचो!’ बोल कर भगा सकते हैं. अरे! और कुछ भी नहीं तो पिता जी का बनाया घर भी वसीयत में मिल जाए तो दिल्ली में ज़िंदगी आसान हो जाती है. दिल्ली वालों! यकीन नहीं होता तो हम जैसे कहीं बाहर से आए लौंडो से पूछो. 

…ये मकान मालिक! किरायेदार के नाम पर दामाद ढूंढते हैं. शराब तो नहीं पीते, नौकरी कहां करते हो, लड़कियों का चक्कर तो नहीं है, मांस-मछली तो नहीं खाते. मैं बोलूं-अंकल आपके सवाल हो जाएं तो मैं भी पापा को बुलवा कर दहेज की बात कर लूं! और हां… मुझे कुछ नहीं चाहिए…. बस आपका कोने वाला 2BHK मेरे नाम कर देना, आखिर आया तो उसके लिए ही था… बेटी तो आपने ऑफ़र में चिपका दी. ये हमसे रेंट नहीं लेते…. लगान वसूलते हैं दिल्ली सरकार ने इनकी बिजली मुफ़्त कर रखी है, ये हमसे एक यूनिट का दस वसूलते हैं… इनके लिए दिल्ली में ‘आप’ की सरकार चल रही है… हमारे लिए अब भी कांग्रेस है. 

आप सोच रहे होंगे कि मकान मालिक ही सबसे बदमाश होते हैं… न न न न!!! उनसे भी बड़े बदमाश होते हैं उनके घर के बच्चे. उन्होंने बिल्डिंग में CCTV नहीं लगाया दो-तीन बच्चे एक्स्ट्रा पैदा कर लिए हैं. ये रखते हैं किरायेदारों पर नज़र… उत्तर प्रदेश के रोमियो स्क्वॉड वाले जिसे ग़लती से भाई-बहन समझ कर छोड़ देते हैं… ये 8 साल के बच्चे एक बार में समझ जाती है कि फलाने किरायेदार के घर जो लड़की आई थी वो कजन नहीं थी…. आप कहोगे बच्चे बड़े मासूम होते हैं, भगवान का रूप होत हैं… अजी घंटा! इनका कोई ईमान धर्म नहीं होता. मुहल्ले की आंटी से मिलने वाले मुख़बरी के दस रुपये लेकर ये किसी के बसने वाले घर को उजाड़ देते हैं… 

अकेला लड़का 1BHK का 15 हज़ार दे रहा… आपने क्या 100 सक्वॉयर फिट में ताज़महल बना रखा है!!! भाई उसे आज़ादी चाहिए. उसे आलीशान पिंजरा नहीं, खुला घोंसला चाहिए. जहां वो कभी भी आ जा सके. जिसे घर बुलाना चाहे, बुला सके. जो खाना चाहे, खा-पका सके. आप बस उससे इतनी उम्मीद रखें कि समय से रेंट दे दिया करे और आपको परेशान न करे. बाकि बाप बनने की ज़रूरत नहीं है, वो घर पर जिस बाप को छोड़ कर आया है उसे मिस करके काम चला लेगा, नए की ज़रूरत नहीं पड़ती.