हमारे देश में चुनाव को किसी त्यौहार से कम नहीं माना जाता है. और जहां त्यौहार है वहां रस्में भी हैं. प्रत्याशियों द्वारा नामांकन दाख़िल करना भी एक ऐसी ही रस्म है.

कोई पूरे बैंड-बाज़े के साथ पर्चा दाख़िल करने पहुंचता है, तो कोई हाथी-घोड़े पर बैठकर. आइये एक नज़र घूमाते हैं उन चुनाव प्रत्याशियों पर जो अजब-ग़ज़ब तरीक़े से अपना नामांकन दाख़िल कराने पहुंचे:

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1. भैंस की सवारी है सबसे प्यारी

बिहार में विधानसभा के लिए चुनाव होने वाले हैं. लिहाज़ा दरभंगा जिले के बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय प्रत्याशी, नचारी मंडल, भैंस पर सवार हो कर नामांकन दाख़िल करने पहुंचे. जिसने भी उनके काफ़िले को एकबार देखा, फिर मुड़-मुड़ के देखा. कुछ उनके साथ भी हो लिए और इस तरह लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. 

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ANI से बात करते हुए मंडल ने कहा कि वो समाज के बहुत ग़रीब और कमज़ोर वर्ग से आता हैं. उनके पास आने के लिए कोई चार पहिया वाहन नहीं था इसलिए उन्होंने भैंस पर आने का फ़ैसला किया.

2. जब शेरवानी पहने प्रत्याशी ‘बारात’ सहित पहुंचे नामांकन भरने 

पिछले लोकसभा के चुनाव में शेरवानी पहने, सर पर सेहरा सजाए और पीछे बारात लिए शाहजहांपुर (UP) के एक प्रत्याशी चल निकले नामांकन भरने. 

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ख़ुद को राजनीति का ‘दामाद’ कहने वाले संयुक्त विकास पार्टी के उम्मीदवार, वैध राज किशन के ‘बारात’ को पुलिस ने सदर बाज़ार में रोक दिया और उनको उतरकर पैदल कलेक्ट्रेट जाना पड़ा अपना नामांकन दाख़िल करने. बाद में पुलिस ने उनके खिलाफ़ केस भी दर्ज़ कर लिया.    

 3. गधे पर सवारी प्रत्याशी को पड़ गयी भारी

2019 में बिहार के जहानाबाद सीट से चुनाव लड़ने के लिए मणि भूषण शर्मा गधे पर सवार होकर नामांकन भरने निकले. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरने गए शर्मा पर पुलिस ने पशु क्रूरता का आरोप लगाते हुए केस दर्ज़ कर लिया.

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शर्मा का कहना था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि मुख्यधारा के नेताओं को आईना दिखाया जा सके, जो जनता को गधा समझते हैं. 

4. जब हांथी पर चढ़कर शान दिखाने के चक्कर में EC से मिला नोटिस

हरियाणा के नूंह से Indian National Lok Dal (INLD) के प्रत्याशी ज़ाकिर हुसैन हांथी पर चढ़ कर अपना नामांकन दाख़िल करने पहुंचे. लोगों ने भी पूरे कारवां को अच्छे से देखा. 

जल्द ही राज्य वन्यजीव बोर्ड के सदस्य, अभिषेक कादियान की शिकायत पर हुसैन के खिलाफ़ मुक़दमा दर्ज़ कर लिया गया. चुनाव आयोग ने भी कारण बताओ नोटिस ज़ारी कर दिया. ये घटना 2014 की है.

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5. बैलगाड़ी की शान में कोई गुस्ताख़ी नहीं सुनेंगे ये प्रत्याशी

बिहार के मुंगेर में लोगों को एक अनोखा जुलूस तब देखने को मिला जब निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव बैलगाड़ी पर सवार होकर नामांकन दाख़िल करने आए. हालांकि, नामांकन केंद्र के कुछ दूर ही उनके जुलूस को रोक दिया गया और वो बैलगाड़ी से उतर पैदल नामांकन सेंटर पहुंचे.

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 6. ढोल- मानर की थाप पर थिरकते हुए पहुंचे प्रत्याशी 

बिहार में इस विधानसभा चुनाव को लेकर सब उत्साहित हैं और उत्साह में प्रत्याशी नाचे नहीं तो और क्या करें! लिहाज़ा, मोरबा विधानसभा क्षेत्र से LJP प्रत्याशी, अभय कुमार सिंह अपने समर्थकों के साथ मानर की थाप पर झूमते हुए नामांकन केंद्र पहुंचे. मानर ढोल का ही पारंपरिक संस्करण है.

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लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए इस तरह के हथकंडों को कितना जायज मानते हैं आप?