दिवाली, यानी की ढेर सारी रौशनी और कुछ ज़्यादा ही मिठाइयां. एक ऐसा त्यौहार जहां लोग न तो बिजली बचाने की सोचते हैं और न ही डायट की चिंता करते हैं. कुछ लोग तो पर्यावरण और जानवरों के बारे में भी नहीं सोचते हैं. ख़ैर वो सब अभी रहने देते हैं.


दिवाली ‘रौशनी का त्यौहार’ हो सकता है पर सबके लिए दिवाली के अपने मायने है. मम्मी लोगों के लिए पूजा-पाठ और खाना बनाना, पापा लोगों के लिए साफ़-सफ़ाई में हाथ बंटाना, लाइट्स लगाना, बच्चों के लिए पटाखे और जिन बैचलर्स को छुट्टी नहीं मिलती है उनके लिए ‘सोने का दिन’  

बैठे-बैठे क्या करें, करना है कुछ ख़ुराफ़ात के अंतर्गत हमने सोचा कि कुछ लोगों की Perfect Diwali कैसी होगी और रिज़ल्ट ये रहा- 

हैप्पी दिवाली डूड! 

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