स्कूल में दो तरह के बच्चे होते हैं- ऊपर से टॉपर (एक्स्ट्रा शीट पर एक्स्ट्रा शीट लेने वाले), नीचे से टॉपर (उल्लू की तरह गर्दन घुमाकर जवाब ढूंढने वाले)
टॉपर की भी बात ठीक है, साल भर मेहनत करके पढ़ाई की और वो जवाब किसी और को क्यों बताए? और नीचे से टॉपर की भी बात ठीक है कि अगर उसको कुछ जवाब बता दिए जाए तो किसका नुक़सान होगा.
कुछ दिनों पहले एक ट्विटर यूज़र ने भी ऐसे ही एक टॉपर की फ़ोटो शेयर की
Have you done this? 😜😂#ChildhoodMemories pic.twitter.com/BqzZebBg3l
— Dipanshu Kabra (@ipskabra) January 23, 2021
लोगों ने इस फ़ोटो से ज़बरदस्त रिलेट किया और ट्वीट्स की बौछार हो गई.
BACKBENCHERS CODE OF ETHICS me ye paap hai.. 😂
— YASH VISHWAKARMA (@yash24_11) January 23, 2021
Or VISHNUPURAN me iske lye alag se saza likhi h.
Copy ka ek side kaafi tha… itna fort nahi banaya kabhi! 😂😂 aatmanirbharta se full test thodi dete the! 😂😂
— Priyanshi (Naam hi kaafi Hai) 😉 (@y_priyanshi) January 23, 2021
😂. Har 90's kid ka yahi haal tha.☝️
— Abhishek Yadav (@Abhi_apr87) January 23, 2021
1 hi hath kafi tha
— Unknown (@Subham27611392) January 23, 2021
हमने भी अपने सहकर्मियों से ये सवाल दोहरा दिया और जवाब ये मिले-
1. ऐसी शकल बनाती थी मानो कुछ आता ही नहीं है. – किरण
2. मैं लिखे हुए पर हाथ रख लेने के बाद दूसरे का जवाब लिखता था. – जे.पी.
3. मैं लिखे हुए पर हाथ रखकर टेढ़ी नज़र से पीछे वाले को भी देखता रहता था. – माहीपाल
4. पेंसिलबॉक्स से कवर करके लिखता था. – अभय
5. ऐसे बैठकर लिखती थी कि पीछे वाले को Answer न दिखे. – आकांक्षा
6. Answer Sheet पर Question Paper रखकर लिखती थी. – संचिता
स्कूल के दिन याद आ गये न?