आप आईने में देख कर कैसा महसूस करते हैं?

इसका जवाब चाहे कुछ भी हो, लेकिन आपके अलावा लोग आपके बारे में अपनी राय बचपन से ही बनाते रहते हैं. और यही कारण है कि अपने फेस, अपनी बॉडी के बारे में जो इन्सेक्युरिटीज़ हैं, वो दिल-दिमाग़ में घर करने लगती हैं. और जो रही सही कसर है, वो Celebs पूरी कर देते हैं. अपनी परफ़ेक्ट बॉडीज़ दिखा-दिखा कर.

आजकल ये ख़ासा चलन है, कि सेलेब्स कैमरे के सामने Nude या कम कपड़ों में पोज़ करते हैं, ये कह कर, कि वो

  • अपनी बॉडी को ले कर कितने Comfortable हैं
  • बॉडी शेमिंग के ख़िलाफ़ हैं
  • अपनी प्रेग्नेंट बॉडी से उन्हें कितना प्यार है, और Baby Bump दिखने से उन्हें कोई शर्म नहीं
  • ब्रेस्टफीडिंग को सपोर्ट करते हैं
  • बिकिनी बॉडी में वो कितने फ़िट दिखते हैं
  • वज़न कम करने के बाद वो कितना अच्छा महसूस करते हैं

लेकिन, शायद आम जनता, आम लड़के-लड़कियों पर ये नई वायरल न्यूज़ ज़बरदस्ती हावी होने लगती है.

चलिए मैं कहती हूं, कि मैं अपनी बॉडी को ले कर बड़ी कम्फर्टेबल हूं! मैं सब तरह के कपड़े पहनती हूं. लेकिन, ये Prove करने के लिए मुझे अपने कपड़े उतार कर फ़ोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर डालने की ज़रूरत नहीं!

क्यों हो?

क्या Comfortable होने का मतलब सबको तभी समझ में आएगा जब मैं ऐसा करूं?

मैंने बड़े होते-होते ‘Comfortable In Your Skin’ का मतलब अच्छी तरह समझा है.

घरों में आज भी जब औरतें साथ में बैठती हैं, तो अगर बच्चा गोद में है, वो उसे पल्लू या चुन्नी से ढक कर दूध पिलाती हैं. ऐसा करते ही अगर आस-पास घर के पुरुष हों, तो खुद ही बाहर चले जाते हैं. पब्लिक में भी ऐसा ही होता है. और स्पेशल कमरे भी बने होते हैं फ़ीडिंग के लिए. 

ये है Comfortable होना!

ओवरवेट महिलाओं से आज के ज़माने में कोई ये नहीं कहता कि वो क्या पहनें, या न पहनें. उन्हें अपने ऊपर जो अच्छा लगता है, वे पहनती हैं. Plus Size Stores इसका प्रमाण हैं. और बच्चा होने के बाद अगर थोड़ा-बहुत पेट निकल आया, तो उन्हें कोई हड़बड़ी नहीं होती वेट जल्दी काम करने की, क्योंकि उन्हें किसी फ़िल्म की शूटिंग नहीं करनी होती.

ये है Comfortable होना!

केवल बिकिनी पहनने से ही स्विमिंग का मज़ा नहीं लिया जाता. जिसको पहनना होता है, वो पहनता है, और नार्मल स्विमिंग Costumes, टी-शर्ट, टाइटस भी बाज़ार में अवेलेबल होते हैं, जिसको जो भाये, पहनता है!

ये है Comfortable होना!

सेलेब्स के लिए शायद ये सब बातें बड़ी होंगी, अच्छा दिखना उनके प्रोफेशन का हिस्सा है. अगर वो अच्छे न लगें, तो शायद उन्हें खुद अच्छा नहीं लगेगा. इसीलिए अब ये बातें वो खुद अपने लिए Normalize कर रहे हैं. और सोशल मीडिया एक बहुत बड़ा सहारा है इसके लिए.

लेकिन ये सब Announcements किस लिए? क्योंकि सेलेब्स जो भी, जहां से भी करते हैं, होता पब्लिक को दिखाने के लिए है, लेकिन पब्लिक के बीच में नहीं.

सेलेब्स स्टूडियो में, या प्राइवेट हॉलिडे में, या मूवी प्रमोशन के लिए, इस तरह की चीज़ें कर सकते हैं, क्योंकि वो पूरी सुरक्षा के घेरे में होते हैं. अगर एक आम लड़की कहे भी, कि वो अपनी बॉडी में Comfortable है, और इसलिये वो एक Nude फोटो अपने सोशल मीडिया पर डाल दे, तो क्या उसको उसकी गली-मोहल्ले, स्कूल-कॉलेज, पड़ोसी, और परचून की दुकान के लड़के दौड़ा नहीं लेंगे? वो तो छोड़िये, उस पर तरह-तरह के आरोप लगेंगे, और शायद उसका परिवार ही उससे बात न करे. अब अपनी Nudity से Comfortable होने की ये कीमत तो नहीं देंगे न?

सेलेब्स हों, या आप और हम, मैं सबकी पसंद-ना-पसंद की इज़्ज़त करती हूं. जिसको जो करना है करे. जो पहनना है पहने, न पहनना है न पहने, लेकिन एक Unnecessary Theory, या ज़बरदस्ती का Cause बनाये बग़ैर. ढिंढोरा पीटे बग़ैर.

अब आप सच में Comfortable हो जाइये! क्या ऐसा कर पाएंगे?