कभी-कभी बहुत क़रीब होकर भी लोग अजनबी बन जाते हैं, वहीं कभी अजनबी अपनों की कमी महसूस होने नहीं देते. आख़िरी बार किसी रोते हुए को कब हंसाया था, या किसी परेशान व्यक्ति को अच्छा महसूस कराया था, कुछ याद है? दुनिया में बहुत से अजनबी हैं, जो दूसरों की फ़िक्र करते हैं. वक़्त-बेवक़्त, जाने-अनजाने सफ़र के किसी मील पर मिलते हैं और बड़ी से बड़ी समस्या को मिनटों में निपटा देते हैं.

हमने ऑफ़िस के साथियों से ऐसी ही घटनाओं के बारे में पूछा, जब किसी अजनबी ने बिना किसी स्वार्थ के उनकी मदद की हो. जवाब पढ़कर आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी.

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अगर किसी अजनबी ने आपकी भी मदद की है, तो कमेंट बॉक्स में बतायें. दुनिया में कितनी अच्छाई है, इसके बारे में बात करना तो बनता है!