किसी भी इंसान के लिए सुकून का पल तब होता है, जब वो अपने घर में हो. दिन-भर काम करने के बाद शांति के साथ घर में पूरी दुनिया से बेख़बर होकर अपनी ज़िंदगी जीना चाहता है. ऐसे में कोई उस शांति में खलल डालने की कोशिश करे तो हम उस खलल को हटाने की कोशिश करते हैं. शहर में नौकरी-चाकरी करने वाले लोगों के लिए शांति बहुत ज़रूरी भी है. बॉस, ऑफ़िस के चक्कर में इंसान अपने आप को भूल जाता है. लेकिन जब आपकी इस शांति में कोई खलल डालने की कोशिश करने लगे तो भलाई इसी में है कि आप घर छोड़ कर नए आशियाने की तलाश करें. आप सही मौके के बारे में सोच रहे होंगे, लेकिन मेरे दोस्त, सही मौका आज तक किसी के पास नहीं आया है. कुछ हरकतों को देख कर या महसूस करके हमें ख़ुद ही सतर्क हो जाना चाहिए और हम कहां और कैसे रह रहे हैं इस पर दुबारा ग़ौर फ़रमाना चाहिए.